भारत में गन्ना किसान और उनकी समस्याएं अक्सर चर्चा का विषय रही हैं, देश भर के गन्ना किसानों का पिछले 4 सालों के दौरान करीब 4500 करोड़ शुगर मिल पर बकाया है. यह जानकारी लोकसभा में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से दिए गए एक जवाब में निकल कर सामने आई है.
दरअसल, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है कि वैसे तो सरकारी नीति के मुताबिक शुगर मिलों को गन्ना किसानों को उनकी कीमत 14 दिनों की भीतर देनी होती है. इस नियम का पालन करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों के तहत आती है, लेकिन मंत्रालय की तरफ से सदन में जो जवाब दिया गया उसके मुताबिक पिछले 4 सालों के दौरान देश भर के गन्ना किसानों का 4,525 करोड़ रुपए शुगर मिल पर बकाया है.
मंत्रालय ने यह जानकारी भी दी है कि साल 2022-23 के दौरान का जो गन्ना किसानों का बकाया था उसका 99.90 फीसदी पैसा उनको दिया जा चुका है. वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 में जो 1,11,674 करोड़ की बकाया राशि थी उसमें से 1,10,399 करोड़ गन्ना किसानों को अदा किया जा चुका है, यानी वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान का 1275 करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है. इस लिहाज़ से बकाये का 99 फीसदी पैसा गन्ना किसानों तक पहुंच चुका है.
मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 की बात की जाए तो अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक गन्ना किसानों को 11,141 करोड़ रुपए का भुगतान होना था जिसमें 8,126 करोड़ रुपए किसानों को दिया जा चुका है यानी करीब 3,015 करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है. मंत्रालय ने इसके साथ ही राज्यवार आंकड़े भी पेश किए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा पैसा पिछले 4 साल के दौरान उत्तर प्रदेश के गन्ना मिलों पर बकाया है.
सामने आये आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की गन्ना मिलों पर पिछले 4 सालों का गन्ना किसानों का करीब 1,951 करोड़ रुपए बकाया है. वहीं, दूसरा नंबर कर्नाटक का है जहां पर पिछले 3 सालों का तो बकाया नहीं था, लेकिन इस साल का 1,405 करोड़ रुपए का बकाया है जो कि गन्ना किसानों को दिया जाना है.
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