नग़्मा कुमारी अंसारी
शतपुत्रवती भव (सौ संतान वाली बनो). प्राचीन युग में ऋषि मुनि स्त्रियों को ज्यादा से ज्यादा संताने होने का आशीर्वाद देते थे। स्त्रियां भी उससे प्रसन्न होती थी। क्या कारण हैं कि स्त्रियां ऐसे आशीर्वाद मांगती थी। अगर आजकल के युग में कोई किसी को शतपुत्रोभव का आशीर्वाद दे दे तो स्त्री नाराज़ हो जाएगी। कहेगी, क्या मेरी क्या कोई पर्सनल लाइफ नहीं है? क्या में बच्चे पैदा करने की मशीन हूं?
शिवपुराण में कहा गया है कि स्त्री सृष्टि की रचना का आधार है। जब कोई स्त्री संतान को जन्म देती है तब उसका अपना भी एक पुनर्जन्म होता है। मतलब उसके अपने शरीर का भी पूरी तरह से नवीनीकरण हो जाता है।
हर स्त्री चन्द्रमा की कलाओं की भांति हर रोज़ अपना मन विचार बदलती है, स्त्री के जीवन उसके यौवन का सबंद्ध चन्द्रमा की गति से जुड़ा है। तभी कविताओं में स्त्री के यौवन की तुलना चन्द्रमा से कि जाती है।
शिव पार्वती को बताते हैं कि मनुष्य शरीर में हर स्त्री की आयु चन्द्रमा के एक साइकिल में एक माह कम हो जाती है। ज्योतिष में स्त्री के monthly cycle को उसकी कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति देख कर पता कि जाती है।
उक्त सच से आधुनिक मेडिकल साइंस भी सहमत है. हर स्त्री जब अपनी मां के गर्भ में होती है यह तभी तय हो जाता है कि उसकी ओवरी में कितने ovule (egg) हैं।
मान ले की किसी लड़की के पैदा होते ही उसमे 3000 फॉलिकल हैं उनमें से सिर्फ 400 में ही ovule या egg में बदलने की संभावना हैं। इनमे कई waste भी हो जाते है। मान ले 40 waste हो गए पूरे जीवन में बीमारियों कि वजह से। बचे 360 अब मान ले की लड़की की माहवारी शुरू हुई 13 वर्ष की आयु में।
अब उसके monthly cycle में हर माह एक ovule निकल जाता है। तो इन egg का स्टॉक 30 वर्ष में समाप्त हो जाएगा और उसका मेनोपॉज मतलब बुढ़ापा शुरू हो जाएगा उसकी जवानी समाप्त हो जाएगी।
उस तरह तरह के रोग लगना शुरू हो जाएंगे। इस तरह से ऐसी लड़की का बुढ़ापा 13+30=43 वर्ष से ही शुरू हो जाएगा।
अब सोचिए अगर वह इस बीच एक बच्चे को जन्म देती है तो क्या होगा। 9 माह गर्भ के, 2 साल 3 माह दूध पिलाने से (अगर वह दूध पिलाएगी इतना समय तब) उसकी माहवारी नेचुरली 3 वर्ष नहीं आयेगी।
इस केस में उसके eggs का तीन वर्ष का कोटा बच जाएगा । उसकी जवानी या उसके मेनोपॉज का समय तीन वर्ष आगे खिसक जाएगा। साथ में बच्चा गर्भ अवस्था के दौरान मां को तरह तरह की स्टेम cells भी देता है, जैसे लिवर ट्रांसप्लांट में स्टेम cells transplant की जाती है।
इस तरह से अगर मां के शरीर में कोई ऐसी कमी है तो बच्चा उस पूरा भी कर देगा। अर्थात जैसा शिवपुराण में कहा गया है मां के शरीर का नवीनीकरण हो जाएगा। मैंने ऐसी बहुत सी स्त्रियों कि कुंडलियां देखी है जिनमे पाया कि गंभीर से गंभीर बीमारी से ग्रस्त स्त्री भी मां बनने के बाद , उन बीमारियों से मुक्त हो गई जिनका इलाज मेडिकल सांइस में भी नहीं है।
दुनिया में बहुत सी सेलेब्रिटी महिलाए इस चीज का मिसयूज भी करती है अपनी जवानी कायम रखने के लिए। दुनिया में बहुत सी सेलेब्रिटी महिलाए इस चीज का मिसयूज भी करती है अपनी जवानी कायम रखने के लिए। फिर आपको जवान रहने के लिए टीवी पर क्रीम पाउडर बेचती है।
एक बच्चा पैदा होने से स्त्री की जवानी 3 वर्ष बढ़ जाती है। इसीलिए हमारे ऋषि मुनि स्त्रियों को अधिक से अधिक संताने होने का आशीर्वाद देते थे।
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