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कुमेड़ी में आइएसबीटी बनकर तैयार,इन रूटों पर फर्राटा भरेंगी 1400 नई बसें

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दौर शहर से बसों को बाहर करने के लिए कुमेड़ी में आइएसबीटी बनकर तैयार हो गया है। आइडीए अब इसके संचालन को लेकर रेवेन्यू मॉडल तैयार कर रहा है। दिल्ली की कंपनी सर्वे करके इसे तैयार करेगी, जिसके आधार पर संचालन के लिए टेंडर जारी होगा। हालांकि इससे पहले बस ऑपरेटरों को जगह दी जा सकती है, ताकि वे बसों का संचालन कर सकें। इंदौर को जल्द ही शहर की सड़कों से आने-जाने वाली बसों से मुक्ति और नए बस स्टैंड की सौगात मिलने जा रही है।

5.82 हेक्टेयर जमीन पर एमआर-10 कुमेड़ी में 100 करोड़ की लागत से तैयार हुआ आइएसबीटी शुरू होने जा रहा है। यहां से राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और उज्जैन रूट की बसों का संचालन होगा। सब कुछ तैयार हो गया है, सिर्फ बसों के आने वाले रास्ते पर आखिरी शेड लग रहा है। इसका काम 15 जनवरी तक हो जाएगा। यहां से 1400 बसों का संचालन होगा, जिनसे 70 हजार यात्री नियमित सफर करेंगे। बस स्टैंड शुरू करने से पहले आइडीए उसका रेवेन्यू मॉडल तैयार करने जा रहे है ताकि भविष्य में संचालन में समस्या न हो।

इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी को नियुक्ति किया गया है। कंपनी की टीम ने गुरुवार को इंदौर में आमद दे दी है। शुक्रवार को दौरा करके स्थिति को समझेगी और रिपोर्ट तैयार करेगी। पूर्व में ये कंपनी कई मेट्रो ट्रेन व आइएसबीटी को लेकर काम कर चुकी है। 15 दिन में कंपनी को रिपोर्ट बनाकर देनी है, जिसके आधार पर संचालन को लेकर टेंडर जारी किया जाएगा। 21 दिन की मियाद रखी जाएगी।

उद्घाटन से पहले संचालन

आइडीए सीईओ रामप्रसाद अहिरवार ने बताया, काम पूरा होते ही आइएसबीटी का लोकार्पण मुयमंत्री द्वारा किया जाएगा। इससे पहले बस ऑपरेटरों से बात की जाएगी। रेवेन्यू मॉडल के आधार पर ठेकेदार कंपनी को काम दिया जाएगा। इससे पहले बसों के संचालन का प्रयास होगा ताकि जनता को सुविधा मिल सके। रखरखाव व सुरक्षा का जिमा कंपनी का होगा।

यहां से होगी कमाई

आइएसबीटी में कई बिंदुओं से कमाई होगी। बड़ा हिस्सा यहां से चलने वाली 1400 बसों की एंट्री का होगा। इसके अलावा पार्किंग, ऑफिस, रेस्टोरेंट, यूनीपोल के जरिए विज्ञापन, 37 दुकानें, 32 ऑफिस और 16 रेस्टोरेंट से मिलने वाले किराए से भी कमाई होगी। हालांकि खर्च भी कम नहीं है, क्योंकि बस स्टैंड वातानुकुलित है तो बिजली का बिल भारी भरकम आएगा। 200 के करीब स्टाफ लगेगा, जो बस स्टैंड का संचालन करेंगे। ठेकेदार कंपनी आइडीए को सालाना पैसा जमा कराएगी।

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