*(राजेन्द्र के. गुप्ता /सात्विक गुप्ता )*
*पूर्व में हुई इतनी विकराल और भयावह घटना से भी सबक नहीं लिया !!!**भविष्य में दुष्परिणाम सामने आए तो, प्रकृति जिम्मेदार अफसरों और अनुमति देने वालो को भी दंडित करेगी**यूनियन कार्बाइड की अनुमति और जारी एनओसी में सुरक्षा की शर्ते थी, फिर भी घटना हुई*
इंदौर। जिन वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने यूनियन कार्बाइड के खतरनाक रासायनिक अपशिष्ट में हानिकारक तत्व नहीं होने का दावा किया है, उन सभी को भविष्य में इसके दुष्परिणाम सामने आने के लिए जिम्मेदार घोषित कर दिया जाए और इसके लिए शपथ पत्र भी लिए जाए, हाईकोर्ट में इनके नाम, पद स्थाई पते आदि विवरण दिए जाए, ये मांग एडवोकेट, व्हीसल ब्लोअर *राजेन्द्र के.गुप्ता 9827070242* ने प्रधानमंत्री जी, अध्यक्ष राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, अध्यक्ष राज्य मानव अधिकार आयोग और मुख्य सचिव मध्यप्रदेश को भेजे आवेदन में की है। गुप्ता का कहना है इससे जनता में विश्वास उत्पन्न होगा और विरोध भी नहीं होगा। *गुप्ता का कहना है यूनियन कार्बाइड की भयावह घटना में हजारों निर्दोष मारे गए और मानव जीवन पर दीर्घकालीन अर्थात आगे की पीढ़ी पर भी दुष्प्रभाव हुआ, फिर भी इसके लिए आज तक कोई कोई जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सका है, ये अलग बात है कि यूनियन कार्बाइड (डाउ केमिकल अमेरिका) को संचालित करने वाला वॉरेन एंडरसन को प्रकृति ने सजा दी और वो गुमनामी की मौत मारा गया….उसकी आगे की पीढ़ी के भी अते—पते नहीं है……*
हाईकोर्ट आदेश और बोर्ड के दस्तावेजों में खतरनाक —
हाईकोर्ट के आदेश में और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय भोपाल से आरटीआई के तहत गुप्ता की मिले प्रमाणित दस्तावेजों में यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट को खतरनाक और जहरीला अपशिष्ट लिखा गया है, जो वर्तमान में भी लिखा जा रहा है, फिर अधिकारी उस खतरनाक रासायनिक अपशिष्ट में हानिकारक..
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