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श्याम बेनेगल ने बदला सिनेमा का आईना

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सोनम कनौजिया

70 और 80 के दशक में यथार्थवादी कथ्य और शिल्प वाली फिल्मों से भारतीय मन को विविध तरीके से सामने रखने वाले निर्देशक श्याम बेनेगल नहीं रहे। सिनेमा का आईना बदल देने वाली फिल्में बनाईं। उन्हें अपनी शानदार फिल्मों के लिए लगातार 5 साल तक नेशनल अवॉर्ड मिला। इनमें से कई बेहतरीन फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मौजूद है, जिन्हें आप घर बैठकर देख सकते हैं। यहां पढ़िए लिस्ट।

14 दिसंबर को श्याम बेनेगल का 90 वां जन्मदिन मनाया गया था, जिसमें नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी, कुलभूषण खरबंदा, दिव्या दत्ता, रजित कपूर, कुणाल कपूर और अतुल तिवारी आदि इकट्ठा हुए थे।

लगातार 5 साल मिला नेशनल अवॉर्ड
श्याम बेनेगल ने ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘आरोहण’, ‘मंडी’, ‘सूरज का सातवां घोड़ा’, ‘मम्मो’ और ‘सरदारी बेगम’ जैसी संवेदनशील कथानक की ‘समानांतर’ फिल्मों को बनाया। उन्होंने ‘कलयुग’, ‘जुनून’, ‘जुबेदा’, ‘वेलकम टू सज्जनपुर’ और ‘वेलडन अब्बा’ जैसी सेमी कमर्शियल फिल्में भी दीं। छोटे परदे पर भी उन्होंने ‘भारत एक खोज’ और ‘यात्रा’, ‘संविधान’ जैसे सीरियल्स का कुशलतापूर्वक निर्देशन किया। उन्हें 1975 से 1979 तक लगातार पांच साल नेशनल अवॉर्ड मिले। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण और दादा साहब फालके जैसे सम्मान प्रदान किए हैं।

1. निशांत

nishant movie

श्याम बेनेगल ने 1975 में ‘निशांत’ का डायरेक्शन किया था। स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह के साथ, इस फिल्म में गिरीश कर्नाड, अमरीश पुरी, शबाना आजमी, मोहन अगाशे, अनंत नाग और साधु मेहर जैसे समानांतर सिनेमा कलाकारों की टोली शामिल है। 1940 और 1950 के दशक में तेलंगाना (अब हैदराबाद राज्य) में सामंती युग के दौरान, वीडियो महिलाओं के यौन शोषण और ग्रामीण अभिजात वर्ग के अधिकार को उजागर करता है। इसे 1977 में बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला।

2. मंथन

manthan movie

श्याम बेनेगल ने 1976 में विजय तेंदुलकर के साथ मिलकर ‘मंथन’ लिखा और निर्देशित किया। ये वर्गीस कुरियन के अभूतपूर्व दूध सहकारी कार्यक्रम पर आधारित थी। भारतीय श्वेत क्रांति इसकी पृष्ठभूमि प्रदान करती है। इसने सामूहिक शक्ति की ताकत भी साबित की, जिसका क्रेडिट 500,000 किसानों को जाता है जिन्होंने क्राउडसोर्सिंग के माध्यम से 2-2 रुपये का योगदान दिया। पहली क्राउडफंडेड भारतीय फीचर फिल्म ‘मंथन’ थी। इसे दो नेशनल अवॉर्ड मिले।

3. मंडी

mandi movie

श्याम बेनेगल ने 1983 में इसका निर्देशन किया था। फिल्म एक वेश्यालय की कहानी पर आधारित है। शबाना आज़मी, स्मिता पाटिल, नसीरुद्दीन शाह ने दमदार एक्टिंग की। इसे भी नेशनल अवॉर्ड मिला।

4. वेल डन अब्बा

well done abba

श्याम बेनेगल की 2010 की राजनीतिक व्यंग्य फिल्म ‘वेल डन अब्बा’ में बोमन ईरानी, मिनिषा लांबा और समीर दत्तानी लीड रोल में नजर आए। इसमें तीन छोटी कहानियां हैं। फिल्म को बेस्ट सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला।

5. नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगेटन हीरो

netaji subhas chandra bose the forgotten hero

श्याम बेनेगल ने इसे लिखा भी था और इसका डायरेक्शन भी किया था। इसमें सचिन खेडेकर, कुलभूषण खरबंदा, रजित कपूर, आरिफ जकारिया और दिव्या दत्ता नजर आए। यह फिल्म भारतीय स्वतंत्रता नेता सुभाष चंद्र बोस के जीवन का अनुसरण करती है।

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