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साध्वी के नाम से मशहूर हर्षा रिछारिया बयान से पलटीं, बताई सच्‍चाई

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प्रयागराज । महाकुंभमें पहले ही दिन सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से सोशल मीडिया पर छा गईं हर्षा रिछारियाअपने पुराने वीडियो वायरल होते ही पलट गई हैं। दो साल पहले साध्वी बनने की बात कहने वाली हर्षा रिछारिया ने अब कहा कि उन्हें साध्वी न कहा जाए। यह भी कहा कि वह साध्वी नहीं बनी हैं। खुद को साध्वी कहने का दोष भी हर्षा ने सोशल मीडिया के माथे पर चिपका दिया है। हालांकि हर्षा इस बात से गदगद हैं कि उन्हें सबसे खूबसूरत साध्वी का तमगा मिलने से वह पूरी दुनिया में छा गई हैं। सोशल मीडिया पर उनके फालोअर्स की संख्या में भी लाखों का इजाफा हो गया है।

महाकुंभ में सबसे पहले हर्षा शनिवार को निरंजनी अखाड़े की शोभायात्रा के दौरान एक रथ पर साधु संतों के साथ बैठी नजर आई थीं। इसी दौरान मीडिया ने उनसे बात की। एक महिला रिपोर्टर ने जब उनसे कहा कि आप इतनी सुंदर हैं, कभी मन नहीं किया कि साध्वी का वेश छोड़कर….। इस पर हर्षा ने कहा था कि मुझे जो करना था उसे छोड़कर यह वेश धारण किया है। हर्षा ने अपनी उम्र 30 साल बताते हुए यह भी कहा कि पिछले दो साल से वह साध्वी हैं। यहीं से उनका वीडियो खूब वायरल हुआ और सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर हो गईं थीं। इसके बाद उनके कई पुराने और ग्लैमरस वीडियो भी वायरल होने लगे। दो साल पहले साध्वी बनने की उनकी बातों पर भी सवाल उठा। पिछले ही महीने बैंकाक में एंकरिंग करते हुए भी उनकी फोटो सामने आ गई। ऐसे में सोमवार को हर्षा ने सच्चाई सामने ला दी।

एक टीवी चैनल से बातचीत में हर्षा ने कहा कि मैं साध्वी की तरफ बढ़ रही हूं, अभी तक साध्वी बनी नहीं हूं। साधू बनने के लिए एक दीक्षा लेनी होती है। कई संस्कार करने होते हैं। मेरी वेशभूषा को देखकर लोगों ने साध्वी हर्षा नाम दे दिया। मैं भी दो दिन से देख रही हूं कि मुझे सबसे खूबसूरत साध्वी कहा जा रहा है। यह सब देखकर अच्छा लग रहा है लेकिन मैं यही कहूंगी कि मुझे साध्वी का टैग देना अभी ठीक नहीं है। मेरे गुरुदेव ने इसकी आज्ञा भी नहीं दी है। ऐसे में साध्वी कहना ठीक नहीं है।

हर्षा असल में एंकर, मॉडल और सोशल मीडिया एन्फ्लूएंशर हैं। महाकुंभ में आने से पहले इंस्ट्राग्राम पर उनके साढ़े पांच लाख के करीब फॉलोअर्स थे। जो अब आठ लाख हो चुके हैं। ऐसे में वह गदगद भी हैं। ग्लैमर की दुनिया से यहां साधु संतों के साथ महाकुंभ में आने को लेकर उनका कहना है कि कुछ चीजें हमारी किस्मत में लिखी होती हैं। कुछ पुराने जन्मों का फल भी होता है। हमारी जिंदगी में कब क्या होना है, यह सब ऊपर से निर्धारित होता है। मैं बहुत अच्छी लाइफ पहले से जी रही हूं। देश-विदेश में खूब घूमा है। पिछले कुछ समय से मैंने उस लाइफ से विराम लिया है। अब साधना में हूं, गुरुदेव की शरण में आई हूं। अब लगता है कि इस जिंदगी को ज्यादा इंज्वाय कर रही हूं।

हर्षा ने ग्लैमर की दुनिया से साधु संतों के बीच रहने और इस हृदय परिवर्तन के पीछे के कारणों पर कहा कि देखिए जब हम लोग उस लाइफ में जीते हैं तो ज्यादा दिखावा वाली जिंदगी होती है। उस समय लगता है कि किसे क्या अच्छा लगेगा और क्या बुरा लगेगा। लेकिन अब यह वाली जो जिंदगी है उससे बिल्कुल अलग है। यहां हम किसी को कुछ नहीं दिखा रहे हैं। हम केवल परमपिता परमेश्वर से जुड़े हैं। यह हृदय परिवर्तन अपने आप होता है। हर्षा ने कहा कि जैसे यहां भी जो लोग आ रहे हैं सभी भक्ति के लिए नहीं आ रहे हैं। बहुत से लोग तो ऐसे हैं केवल सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए आए हैं। अपनी रीच बढ़ाने के लिए यहां आए हैं।

हर्षा ने कहा कि मैंने भी संन्यास के लिए गुरुदेव से कहा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। उन्होंने इसके लिए डांट भी लगाई थी। कहा कि अभी तुम्हें गृहस्थ जीवन जिंदगी की बहुत सारी जिम्मेदारियां निभानी हैं। उन्हें पूरा करना है। तब तक अपनी साधना करो और अपना काम करो। मैंने अपना काम भी बंद कर दिया था। लेकिन ऐसा नहीं करने के लिए भी मना किया। ऐसे में पूजा पाठ और साधना के साथ काम भी जारी है।

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