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मप्र के नौकरशाहों द्वारा संपत्ति बताने में पर्देदारी, हो रहे मालामाल

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प्रदेश के सभी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारियों के अलावा राज्य के कर्मचारियों को 31 जनवरी तक बताना होगा कि उन्होंने पिछले एक साल के भीतर राज्य और राज्य के बाहर कितने अचल संपत्ति की खरीद और बिक्री की है। इसके साथ अब उनके पास कुल कितनी संपत्ति है और उसकी कीमत कितनी है। यानी 31 जनवरी को ब्यूरोक्रेट्स की संपत्ति की कुंडली खुलेगी की वे कितने मालदार हैं। अगर अभी तक की मिली जानकारी का आकंलन करें तो यह तथ्य सामने आता है कि नौकरशाहों द्वारा संपत्ति बताने में पर्देदारी की जा रही है।

प्रदेश के आईएएस अफसर अपनी पूरी संपत्ति नहीं बता रहे हैं। हाल ये है कि अफसर सिर्फ जमीन-बंगले बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। यहां के अधिकारी संपत्ति की जानकारी देने में काफी हिचकिचाते हैं, जबकि बाकी राज्यों में ऐसा नहीं है। कई राज्यों में आईएएस अफसर जेवर, गिफ्ट सहित अन्य सामानों तक की जानकारी दे देते हैं, जबकि मप्र में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सिर्फ जमीन और मकान की जानकारी ही देते हैं।
मप्र में वर्तमान समय में कई कलेक्टर ऐसे हैं, जिन्हें प्रशासनिक अधिकारी के नाते शानदार सैलरी, तमाम सुख-सुविधाएं, घर-गाड़ी मिलती है, लेकिन इसके बाद भी किसी कलेक्टर के पास एक इंच भी अचल संपत्ति न हो। मप्र में ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि 10 कलेक्टर हैं, जिनके पास मप्र ही नहीं, बल्कि देश में एक इंच भी जमीन का टुकड़ा नहीं है। वहीं कई कलेक्टर ऐसे भी हैं, जिन्हें गिफ्ट या फिर विरासत में करोड़ों की प्रॉपर्टी मिली है। इस सूची में मप्र की आर्थिक राजधानी समझे जाने वाले शहर इंदौर के कलेक्टर का भी नाम है।
इन कलेक्टरों ने जमीनों में किया निवेश
मप्र में वर्तमान समय में 55 आईएएस अधिकारी जिलों में कलेक्टर के रूप में पदस्थ हैं। इनमें 9 जिलों में पदस्थ कलेक्टर जमीनदार हैं। इन कलेक्टरों को गिफ्ट और विरासत में प्रॉपर्टी मिली है। प्रदेश में जिन कलेक्टरों के पास जमींने हैं, उनमें सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच, धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना, भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार, छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल, नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना और हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह शामिल हैं। विरासत में संपत्ति पाने वालों में सबसे आगे सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच का नाम है। सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच को राजस्थान बीकानेर में विरासत में करीबन 69 एकड़ भूमि विरासत में मिली है। इसके अलावा उनकी पत्नी को करीबन 5 एकड़ भूमि और 23सौ वर्ग फीट का प्लॉट गिफ्ट में मिला है। हालांकि अचल संपत्ति के विवरण में इसकी कीमत नहीं बताई गई। धार कलेक्टर और 2013 बैच के अधिकारी प्रियंक मिश्रा को लखनऊ में पिता से 1.76 करोड़ रुपए कीमत का विरासत में मकान मिला है। हालांकि उन्होंन अब तक कोई अन्य प्रॉपर्टी नहीं खरीदी। झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना को भी मां ने गिफ्ट में प्रॉपर्टी दी है। उन्हें गिफ्ट में राजस्थान में 1800 स्क्वायर फीट का मकान, 1 हजार वर्गफीट पर निर्मित मकान मिला है। नेहा मीणा ने भी अब तक कोई अन्य प्रॉपर्टी नहीं खरीदी। भिंड कलेक्टर और 2011 बैच के अधिकारी संजीव श्रीवास्तव को भी पिता से विरासत में 4 करोड़ कीमत का कमर्शियल लैंड मिली। यह संपत्ति संजीव और उनके भाई के नाम है। सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी को भी मां ने कृषि भूमि खरीदकर उनके नाम की है। इससे उन्हें हर साल करीबन चार लाख रुपए आय होती है। पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार को भी कुरूक्षेत्र हरियाणा में करोड़ों की जमीन विरासत में मिली है। कुरूक्षेत्र में मकान, 3 एकड़ जमीन इसमें शामिल है। उन्होंने खुद अभी तक कोई अचल संपत्ति नहीं जुटाई। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल 2015 बैच के अधिकारी हैं। उन्हें भी पिता से फ्लैट, मकान और 2 दुकानें विरासत में मिली हैं। नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना को पिता से गिफ्ट में जयपुर में एक प्लॉट मिला है। वहीं हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह को पिता से विरासत में 10 एकड़ कृषि भूमि मिली है।
ये कलेक्टर हैं भूमिहीन
मप्र में वर्तमान समय में 55 आईएएस अधिकारी जिलों में कलेक्टर के रूप में पदस्थ हैं। इनमें 10 जिलों में पदस्थ कलेक्टरों ने अभी तक जमीन का एक टुकड़ा नहीं खरीदा। इनमें इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह, खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल, देवास कलेक्टर ऋषभ गुप्ता, शाजापुर कलेक्टर ऋजु बाफना, मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना, रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल, अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली, निवाड़ी कलेक्टर लोकेश जांगिड़ और नरसिंहपुर कलेक्टर शीतला पटले शामिल हैं। इसमें 2010 बैच के आईएएस अधिकारी और मौजूदा इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह भी हैं। इंदौर के पहले वे भोपाल में कलेक्टर और इंदौर-उज्जैन में नगर निगम कमिश्नर रहे हैं। वे एक फेमस क्विज शो के कर्मवीर एपिसोड में हॉटशीट पर भी बैठे थे और उन्होंने इस शो में 12 लाख रुपए जीते थे। डीओपीटी को दी गई वार्षिक जानकारी में बताया कि मप्र और देश में उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है। खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह के पास भी कोई अचल संपत्ति नहीं है। 2013 बैच के आईएएस अधिकारी अनूप कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के इटावा के रहने वाले हैं। वे ग्वालियर और जबलपुर में अपर कलेक्टर रहे हैं। बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने भी अपनी अचल संपत्ति की जानकारी में बताया कि के पास किसी भी राज्य में कोई अचल संपत्ति नहीं है। इसके पहले वे नीमच में जिला पंचायत सीईओ और धार में एसडीएम रही हैं। अप्रैल 2023 में वे दिल्ली के विज्ञान भवन में सिविल सेवा दिवस के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सम्मानित हो चुकी हैं। देवास कलेक्टर और 2014 बैच के आईएएस ऋषभ गुप्ता के पास भी कोई अचल संपत्ति नहीं है। देवास कलेक्टर के पहले ऋषभ गुप्ता इंदौर स्मार्ट सिटी में सीईओ रहे हैं। सीईओ रहते उनके द्वारा किए गए काम को लेकर उन्हें कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मैकेनिज्म में अवार्ड मिला था। शाजापुर कलेक्टर और 2014 बैच की आईएएस अधिकारी ऋजु बाफना के पास भी कोई अचल संपत्ति नहीं है। छत्तीसगढ़ मूल निवासी ऋजु नरसिंहपुर कलेक्टर भी रह चुकी हैं। इसके अलावा भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्त, सिंगरौली में एडीएम, उज्जैन में एडीएम, जबलपुर में जिला पंचायत सीईओ भी रह चुकी हैं। मुरैना में कलेक्टर और 2014 बैच के आईएएस अधिकारी अंकित अस्थाना के पास भी कोई अचल संपत्ति नहीं है। भोपाल के रहने वाले अस्थाना भोपाल स्मार्ट सिटी में सीईओ रह चुके हैं। इसके अलावा शिवपुरी में बतौर एसडीएम भी पदस्थ रहे हैं। उनके मां और पिता दोनों भोपाल में सीनियर डॉक्टर हैं। रीवा कलेक्टर और 2012 बैच की आईएएस अधिकारी प्रतिभा पाल के पास भी कोई अचल संपत्ति नहीं है। रीवा कलेक्टर के पहले वे लंबे समय तक इंदौर नगर निगम कमिश्नर भी रहीं हैं। अनूपपुर कलेक्टर और 2015 के आईएएस अधिकारी हर्षल पंचोली के पास भी कोई अचल संपत्ति नहीं है।

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