इंदौर: होली के अवसर पर घर-घर में तरह-तरह की मिठाइयां और व्यंजन तैयार होते हैं. इसी दौरान बनाई जाने वाली एक खास तरह की मिठाई है घीयर. पाकिस्तान और बलूचिस्तान अंचल में तैयार की जाने वाली सिंधी घीयर मिठाई होली के अवसर पर घर-घर में भाइयों की ओर से बहनों को गिफ्ट की जाती है. स्वाद के शहर इंदौर में ही स्थिति यह है कि होली के अवसर पर हर कहीं तैयार होने वाली इस मिठाई की सिंधी परिवारों में खास डिमांड रहती है.

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधी भाई होली पर अपनी बहनों को गिफ्ट करते हैं घीयर
दरअसल पाकिस्तान के सिंध प्रांत और बलूचिस्तान में रहने वाले सिंधी और बलोच के बीच होली के त्योहार पर इस मिठाई की खास डिमांड रहती है. पाकिस्तान से आए सिंधी और बलूचिस्तान से लोग काफी संख्या में भारत में आते-जाते रहते हैं. ये लोग होली के अवसर पर होली मिलन के लिए आने वाली बहनों और परिवार की महिलाओं को यह मिठाई खास तौर पर गिफ्ट देते हैं.
इंदौर में 250-300 रुपये प्रति किलो मिल रही है घीयर मिठाई
दरअसल यह मिठाई बड़ी जलेबी के आकार की होती है. हालांकि विभाजन के बाद सिंधी समाज के लोगों के साथ यह मिठाई और उसकी परंपरा भारत में रच बस गई है. होली के अवसर पर इंदौर में ही कम से कम 100 दुकानों पर इस मिठाई को तैयार किया जा रहा है जहां 250 रुपये से लेकर 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिठाई बाजार में मिल रही है.
ऐसे तैयार की जाती यह स्वादिष्ट मिठाई
सिंधी घीयर बनाने के लिए मैदा, बेसन और शुद्ध देसी घी के अलावा शक्कर की चाशनी की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा मिठाई को ड्राई फ्रूट्स से सजाया जाता है. इंदौर में अपनी तीन पीढ़ियों से पाकिस्तानी घीयर तैयार करके बेच रहे दिलीप वाधवानी बताते हैं “भारत-पाकिस्तान विभाजन के पहले उनके दादा टीकामल और सोमामल वाधवानी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में यह मिठाई तैयार करते थे.
विभाजन के बाद वे इंदौर आ गए और उन्होंने सबसे पहले यहां जेल रोड पर इस मिठाई को बनाने की शुरुआत की. इसके बाद इंदौर और आसपास के सिंधी समाज के लोगों के बीच भी यह मिठाई लोकप्रिय हो गई. होली के अवसर पर इस मिठाई को घर में आने वाली बहन-बेटियों को होली की शुभकामनाओं के साथ उपहार में देने की परंपरा है.
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