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पूरे प्रदेश की जनता कोरोना महामारी से त्रस्त है लोग मर रहे हैं और सत्ता पक्ष और विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हुए हैं

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भाजपा और कांग्रेस आपसी लड़ाई कर जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं
जघन्य विफलता को छुपाने के लिए सच दबाने की कोशिश

  इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते हर कोई परेशान है। जनता बेमौत मर रही है ,इलाज और दवाई के अभाव में प्रदेश के लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं, लॉकडाउन के चलते रोजगार छीना जा रहा है ,व्यापार धंधे ठप है और ऐसी आपदा के समय  सत्तारूढ़ दल और विपक्ष केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं ।सत्तारूढ़ दल भी समस्या का समाधान करने के बजाय विपक्ष के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा रही है ।सोशलिस्ट पार्टी और लोहिया विचार मंच ने सत्ता और विपक्ष की लड़ाई को नूरा कुश्ती की संज्ञा देते हुए कहा है कि यह जनता का ध्यान असफलता से हटाने का कुत्सित प्रयास है तथा इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है । लोहिया विचार मंच के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष रामबाबू अग्रवाल तथा सोशलिस्ट पार्टी इंडिया मध्य प्रदेश के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने उक्त आरोप लगाते हुए कहा किमध्यप्रदेश में कोरोना महामारी गाँव गाँव तक पहुँच चुकी है।  जिन्हे आसानी से टाला जा सकता था ऐसी हजारों मौतें प्रदेश भर में जारी हैं। सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली भारी बोझ के चलते बैठ चुकी है।  वहीँ  बजाय रोकथाम के शिवराज सरकार जांचें रोकने और सीमित करने में लगी है।  टीकाकरण का काम तो बंद ही हो गया है।  उस पर सत्ता पार्टी से जुड़े लोग इस आपदा में अवसर ढूंढते हुए नकली दवाओं की कालाबाजारी जैसे मानवताविरोधी कामो में लगे हैं।  इन अपराधों को उजागर होने से रोकने के लिए मीडिया पर अंकुश लगाने के साथ सचाई को दबाने की कोशिश भी की जा रही है।  
नेताओं ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने की मुहिम शुरू करना सच्चाई को छुपाने  की  हरकत है।  यह संसदीय जनतंत्र के  अपमान के साथ साथ  यह भी साबित करता है कि भाजपा की शिवराज सरकार व्यवस्थाओं को सुधारने की बजाय केवल अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए लोगों का ध्यान बटा रही है।
श्री अग्रवाल एवं मंत्री ने  कहा कि कोविड से हुई मौतों के  आंकड़े दिल दहलाने वाले हैं। सरकार को इन आरोपों को निराधार कहने की बजाय तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण देना चाहिए था। ऑक्सीजन की कमी दवाई और इंजेक्शन की मारामारी के बीच प्रदेश में हजारों लोगों की मौत के लिए सत्तारूढ़ दल और उसके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जिम्मेदार है। अपनी इसी जिम्मेदारी से भागते हुए अब वे नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा रहे हैं और जनता का ध्यान अपनी असफलताओं से छुपाने की कोशिश कर रहे हैं । आपने मध्य प्रदेश सरकार से कोरोना महामारी के दौरान हो रही मौतों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है ।

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