इंदौर
एडीजी वरुण कपूर का फेसबुक अकाउंट फर्जी तरीके से तैयार कर सोशल मीडिया पर उनके नाम से रुपए मांगने वाले आरोपी तक क्राइम ब्रांच की टेक्निकल टीम पहुंच गई। आरोपी को बिहार के नालंदा परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी अखिलेश (25) पिता रविदास निवासी कतरी सराय नालंदा से फर्जी सिम और चार मोबाइल मिले हैं। 66 आईटी एक्ट सहित धोखाधड़ी की धाराओं में उस पर केस दर्ज कर उसका सात दिन का रिमांड लिया है। 16 मई को एडीजी व साइबर एक्सपर्ट वरुण कपूर की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों से बदमाशों ने सोशल मीडिया पर रुपए मांगे थे।
एडीजी कपूर ने क्राइम ब्रांच की एक टेक्निकल टीम को निर्देश दिए थे। इस मामले में सफलता के बाद क्राइम ब्रांच की उन 200 पेंडिंग शिकायतों के निराकरण की उम्मीद भी जागी है, जिनमें अब तक सफलता नहीं मिली थी।
आरोपियों तक ऐसे पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम
1. जब भी फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनता है तो उसका एक यूआरएल जनरेट हो जाता है। 2. इस यूआरएल के आधार पर जांच एजेंसी को फेसबुक के हेड ऑफिस को जानकारी भेजनी होती है। 3. इस यूआरएल पर फेसबुक क्रिएटर लिंक या आईपी डिटेल दे देता है। 4. आईपी डिटेल मिलते ही आपको मेल आईडी या फिर मोबाइल नंबर की जानकारी मिल जाती है। 5. जिस कंपनी का नेट यूज होता है, उसकी जानकारी व आईपी भी यहां से आपको मिलता है। 6. नेट प्रोवाइडर कंपनी की जानकारी के आधार पर संबंधित आईपी एड्रेस व नंबर से आरोपी की लोकेशन ट्रेस की गई।
एसपी और पूर्व एसपी के भी फर्जी फेसबुक अकाउंट इसी तरह बन चुके
एडीजी के फर्जी फेसबुक अकाउंट के अलावा शहर में पश्चिम एसपी महेशचंद जैन और उज्जैन के पूर्व एसपी रहे मनोज कुमार सिंह के भी फर्जी फेसबुक अकाउंट बन चुके हैं, लेकिन उसमें भी आरोपी हाथ नहीं लग सके हैं।