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चंदा वसूली के बीच हुए दंगों के खिलाफ दिग्विजय सिंह की याचिका: कहा- राम मंदिर के लिए चंदा वसूलते वक्त इंदौर-उज्जैन में हिंसा भड़की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई

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हाईकोर्ट ने सरकार से 6 हफ्ते में जवाब मांगा

इंदौर

राम मंदिर के लिए चंदा वसूलने के दौरान हिंसा पर दायर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने मुख्य सचिव, DGP, इंदौर, उज्जैन और मंदसौर जिले के SP-कलेक्टर को नोटिस जारी किए हैं। अफसरों से 6 हफ्ते में जवाब मांगा गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने 9 अप्रैल 2021 को याचिका दायर की थी। इसमें पीड़ित परिवारों को मुआवजा और अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। पूर्व CM ने दावा किया है कि चंदा वसूली के दौरान इंदौर-उज्जैन में सांप्रदायिक हिंसा हुई पर अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

दिग्विजय सिंह के एडवोकेट रविन्द्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि याचिका पर सुनवाई करते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने सोमवार को नोटिस जारी किया। याचिका में कहा गया है कि इंदौर, उज्जैन और मंदसौर में अयोध्या में राम मंदिर के समर्पण राशि जुटाने के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा और तोड़फोड़ पर पुलिस और जिला प्रशासन ने किसी प्रकार की कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की थी।

उस दौरान जिन परिवारों को नुकसान हुआ था, राज्य सरकार ने उन्हें किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है। इस पूरे मामले के लिए संबंधित कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच की जाए। इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी और तीनों जिलों के कलेक्टर- एसपी को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब मांगा है।

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