कोलकाता.
भाजपा में अपने कद को लेकर नाराज चल रहे मुकुल रॉय ने आखिरकार तृणमूल में वापस लौट आए। वे अपने बेटे शुभ्रांग्शु के साथ ममता की पार्टी में शामिल हुए। ममता की मौजूदगी में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने मुकुल और उनके बेटे की तृणमूल में वापसी कराई। मुकुल ने कहा कि घर वापस आकर अच्छा लग रहा है। हालांकि, उनकी घर वापसी के कयास तभी शुरू हो गए थे, जब वे भाजपा की बैठकों से किनारा करने लगे थे, लेकिन कारण बताया था पत्नी की तबीयत का।
उनकी नाराजगी को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पत्नी का हालचाल लेने के जरिए ही उनसे फोन पर करीब 10 मिनट बातचीत की थी, लेकिन 3 जून को हुई इस बातचीत के 7 दिन बाद मुकल ने फाइनली यही फैसला किया कि वे तृणमूल में वापस लौटेंगे।
राज्य में पहले ही बीजेपी के करीब 33 विधायकों के पार्टी छोड़ने की खबरें सामने आ रही थीं. हालांकि, एक फेसबुक पोस्ट के बाद यह भी कहा जा रहा था कि मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय टीएमसी में शामिल हो सकते हैं. उस दौरान भी मुकुल रॉय को लेकर चर्चाएं नहीं हो रही थीं. बीते दिनों टीएमसी सांसद और वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि कई लोग अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं. रॉय इस बार नादिया जिले के कृष्णा नगर उत्तर प्रदेश सीट से चुनावी मैदान में थे. उन्होंने टीएमसी उम्मीदवार कौसानी मुखर्जी को हराया था.
एनडीटीवी से बातचीत में सौगत रॉय ने कहा, ‘कई लोग हैं और अभिषेक बनर्जी के साथ संपर्क में हैं और वापसी करना चाहते हैं. मुझे लगता है उन्होंने जरूरत के समय पार्टी को धोखा दिया है.’ टीएमसी सांसद ने साफ कर दिया है, ‘आखिरी फैसला ममता दी लेंगी, लेकिन मुझे लगता है कि दल बदलने वालों को दो हिस्सों सॉफ्टलाइनर और हार्डलाइनर में बांटा जाएगा.’
हालांकि, कुछ समय पहले टीएमसी सांसद शुखेंदु शेखर ने इशारा किया था कि पार्टी दल बदलने वालों को लेकर जल्दबाजी में फैसला नहीं लेगी. उन्होंने कहा था कि पहले यह देखा जाएगा कि वे पार्टी से अलग क्यों हुए थे? वापसी का उद्देश्य क्या है? ऐसी जानकारी मिलने के बाद ही उनकी दोबारा सदस्यता को लेकर फैसला किया जा सकेगा.
रॉय की बीमार पत्नी को देखने पहुंचे थे अभिषेक बनर्जी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिषेक बनर्जी अस्पताल में भर्ती मुकुल रॉय की पत्नी कृष्णा रॉय का हाल जानने पहुंचे थे. ऐसा कहा जा रहा है कि अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुद रॉय से फोन पर बातचीत की थी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि कृष्णा रॉय के जल्दी स्वस्थ होने को लेकर यह कॉल किया गया था. जबकि, टीएमसी नेताओं का मानना है कि यह बीजेपी की नेताओं को एक साथ रखने की कोशिश है.