कोरोना की दूसरी लहर में बुरी तरह एक्सपोज हुयी मोदी सरकार और राज्य भाजपा सरकारों की नाकामी, बढ़ती बेरोज़गारी, गिरती अर्थव्यवस्था और महंगाई के बीच छः महीने बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा के लिये चुनावी रणनीति बनाने हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जी जान से जुट गया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में आरएसएस की पांच दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक रखी गयी। शुक्रवार से मंगलवार तक चली आरएसएस की राष्ट्रीय चिंतन बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले प्रांत प्रचारक और क्षेत्रीय प्रचारकों सहित 250 पदाधिकारी शामिल हुये थे।
बैठक में भाजपा की राज्य सरकारों के कामकाज की समीक्षा की गयी। केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सरकारों के कार्यों पर भी चर्चा हुई।
यूपी समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव का रुख भगवा और भाजपा की तरफ मोडऩे के अभियान की शुरुआत का मुहूर्त संघ ने नवरात्र तय किया है।
कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की नाकामी पर चर्चा
उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और कोरोना की तीसरी लहर पर विशेष रूप से चर्चा हुई। आरएसएस की पांच दिवसीय बैठक में तय किया गया कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले आरएसएस की जिला स्तरीय टीमें गांवों में जाकर लोगों की ज़रूरतें समझेंगी और कोरोना से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों और योजनाओं की जानकारियां देंगी। इसके बाद सांसद और विधायक यह काम अंजाम देंगे। साथ ही संघ द्वारा संचालित अस्पतालों को पूरी क्षमता और सक्रियता से व्यवस्थित करने का भी निर्णय लिया गया, ताकि तीसरी लहर में इन अस्पतालों का लाभ लोगों को मिल सके।
मोदी योगी की राष्ट्रवादी, हिंदुत्ववादी ब्रांड पर ज़ोर
आरएसएस की पांच दिवसीय चिंतन बैठक में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के रोडमैप पर चर्चा हुई। देशवासियों के बीच राष्ट्रवाद का भाव तेजी से जागृत करने की रणनीति पर ज़ोर देने के लिये कहा गया। बैठक में तय हुआ कि स्वंयसेवक गांव-गांव में राष्ट्रवाद का भाव जागृत करेंगे और योगी व मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे। इस दौरान सेवा कार्यों को भी अंजाम दिया जाएगा।
यह भी मंत्र दिया गया कि कार्यकर्ताओं के जन संपर्क के दौरान कहीं जनता गुस्से में हो या विरोध करें तो उन्हें शांति और शालीनता से समझाकर संतुष्ट करें। साथ ही यह भी कहा गया कि बेवजह बयान न दें, जिससे सरकार की छवि धूमिल हो।
भाजपा-आरएसएस के बीच संपर्क सूत्र में बदलाव
आरएसएस की बैठक के चौथे दिन सोमवार को सत्ता (भाजपा) और संगठन (आरएसएस) के बीच संपर्क सूत्र में बदलाव किया गया है। संघ की तरफ से अब सह सरकार्यवाह अरुण कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई है। अब तलक यह जिम्मेदारी कृष्ण गोपाल के पास था।
अयोध्या ज़मीन घोटाले पर तलब हुये चंपत राय
आरएसएस की पांच दिवसीय चिंतन बैठक में रामजन्म भूमि न्यास द्वारा मंदिर निर्माण के लिए ख़रीदी गई भूमि में उठे विवाद के बाद इस ट्रस्ट पर भी बात हुये हैं। राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय दो दिन इस बैठक में शामिल हुये। संघ नेतृत्व के सामने उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी सफाई पेश की, लेकिन यह चर्चा अभी भी गरम है कि रामजन्म भूमि न्यास ट्रस्ट के पदाधिकारियों के कामों में बदलाव हो सकता है।
भगवा शिक्षा नीति पर ज़ोर
चित्रकूट में चली आरएसएस की पांच दिवसीय गुप्त बैठक के तीसरे दिन शिक्षा नीति पर मंथन हुआ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि नई शिक्षा नीति एक पक्षीय न हो। पूरी तरह तथ्यपरक होनी चाहिए। बिना तथ्य वाले और गैर ऐतिहासिक तथ्यों को पाठ्यक्रम से हटाया जाए।
आरोग्य धाम परिसर में प्रांत प्रचारकों के साथ आयोजित बैठक में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि कुछ सालों से भारतीय इतिहास के कई तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके शिक्षा दी जा रही है।
चंदा देने वाले 12.70 करोड़ परिवारों को हिंदुत्व प्रभावित मानता है आरएसएस
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे के रूप में योगदान देने वाले देश के लगभग 12.70 करोड़ परिवारों को आरएसएस हिंदुत्व राष्ट्रीयभवित मानता है। आरएसएस का स्पष्ट मानना है कि राम मंदिर निर्माण के लिए एक भी रूपये का योगदान देने वाला परिवार या व्यक्ति किसी न किसी रूप में हिंदुत्व की विचारधारा से प्रभावित है। इसीलिए संघ इन परिवारों और लोगों के बीच अपने वैचारिक विस्तार की संभावनायें तलाश रहा है। और जल्द ही RSS अभियान चलाकर इन परिवारों से संपर्क कर उन्हें किसी न किसी रूप में अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगा। चित्रकूट बैठक में इसकी रूपरेखा बना ली गई है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल के मुताबिक 3 अप्रैल 2021 तक अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए लगभग 3500 करोड़ की समर्पण निधि (चंदा) एकत्र हो चुकी है। देश के 6.73 लाख गांवों में से 5.37 लाख गांवों तक पहुंचकर विहिप कार्यकर्ताओं ने समर्पण अभियान को आगे बढ़ाया।
15 जनवरी से 27 फरवरी 2021 तक चले इस चंदा अभियान में विश्व हिंदू परिषद ने देश के 12.70 करोड़ परिवारों तक पहुंच बनाई और चंदा एकत्र किया। इन परिवारों के 65 करोड़ लोगों ने इस अभियान में अपना योगदान दिया। इस अभियान में विहिप के 20.21 लाख कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिसमें 1.87 लाख महिलाएं भी शामिल रहीं। इसके लिए विहिप कार्यकर्ताओं की 1.75 लाख टोलियां बनाई गई थीं।
100 रुपये के 7.10 करोड़ कूपन काटे गए
समर्पण अभियान में सबसे ज्यादा 100 रूपये मूल्य के 7.10 करोड़ कूपन काटे गए। इसके अलावा 10 रूपये मूल्य के 4.5 करोड़ कूपन और 1000 रूपये मूल्य के 80 लाख कूपन काटे गए। जबकि 30 लाख कूपन अलग-अलग मूल्य के काटे गए।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की 4200 शाखाओं में धन जमा किया गया। इन शाखाओं में धन जमा करने के लिए 38,185 विशेष टोली प्रमुख बनाए गए थे।
365 रुपये गुरुदक्षिणा लेगा आरएसएस
आरएसएस ने अब एक रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गुरुदक्षिणा लेने का एलान किया है। पांच दिवसीय बैठक के पांचवें व अंतिम दिन यह भी निर्णय लिया गया है कि गुरुदक्षिणा अब एक रुपये प्रतिदिन के हिसाब से साल में 365 रुपये लिया जायेगा।
बुंदेलखंड नाम से अलग राज्य बनाने पर ज़ोर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के अंतिम दिन चित्रकूट के विकास को लेकर चर्चा हुई। आरएसएस ने पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाने को लेकर भी मंथन किया। चित्रकूट को उसकी राजधानी बनाने पर जोर देने की बात हुयी है।
गौरतलब है कि बैठक से पहले RSS प्रमुख मोहन भागवत ने जगद्गुरु स्वामी राम भद्राचार्य से मुलाकात की थी। इसमें जगद्गुरु ने चित्रकूट के विकास को लेकर चर्चा की थी। संघ प्रमुख से कहा था कि उप्र और मप्र की सीमा में चित्रकूट के बसे होने से विकास नहीं हो रहा है। इसको किसी एक प्रदेश में शामिल कर दिया जाए या पृथक बुंदेलखंड राज्य का निर्माण हो। नहीं तो केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाए। जगद्गुरु की इन बातों पर सोमवार को RSS की बैठक में चर्चा हुई। जिसमें बुंदेलखंड राज्य का निर्माण कर चित्रकूट को राजधानी बनाने का प्रस्ताव आया। वैकल्पिक तौर पर केंद्र शासित राज्य बनाने की भी बात भी बैठक में उठी।
भाजपा की तर्ज़ पर RSS का भी साइबर सेल हो
भाजपा, मोदी योगी के ख़िलाफ़त में आये दिन चलने वाले हैशटैग से चारों खाने चित्त पड़ी भाजपा और सरकार की मदद के लिये आरएसएस अपने हर एक स्वयंसेवक को ट्रेनिंग देकर सोशल मीडिया पर बैठाएगा। और इसके लिये वो अपना खुद का साइबर सेल बनायेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पांच दिवसीय चिंतन शिविर में समय के हिसाब से स्वयंसेवकों को भी हाईटेक होने की ज़रूरत पर बल दिया गया। और निर्णय लिया गया कि जल्द ही भाजपा की तर्ज़ पर आरएसएस का खुद का आईटी सेल होगा। एक-एक स्वयंसेवक सोशल मीडिया से जुड़ेगा, और दमदार तरीके से अपनी बात रखेगा। इसके साथ ही संघ कार्यकर्ता नवरात्र से चुनाव अभियान का आगाज करेंगे। और कोरोना की तीसरी लहर से बचने और सबको बचाने का काम करेंगे।
बैठक में ये आरएसएस के सदस्यों को सोशल मीडिया का प्रशिक्षण देने की बात भी की गयी। बैठक में कहा गया कि आरएसएस कार्यकर्ता अभी ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में शाखाओं या फिर सेवा कार्यों के जरिए अपने विचारों को रख पाते हैं। लेकिन, सोशल मीडिया से जुड़ने के बाद आसानी से अपनी बात रख पाएंगे। तर्कों के साथ भ्रांतियों को भी दूर कर सकेंगे। इसीलिए सोशल मीडिया का प्रशिक्षण भी स्वयंसेवकों को दिया जाएगा।
सुरक्षा और गोपनीयता का खास ध्यान
चित्रकूट के दीनदयाल उपाध्याय रिसर्च फाउंडेशन में आज संपन्न हुयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक की गोपनीयता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 3 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग की गई थी। जबकि चित्रकूट की सीमा से लगे 5 जिलों सतना, सीधी, शहडोल, बांदा और चित्रकूट की पुलिस पहरेदारी बिठायी गयी थी। बैठक में रियल या वर्चुअल, किसी भी तरह से शामिल लोगों को हिदायत दी गई थी कि वे लोग बैठक के अंदर की किसी बात का बाहर जिक्र न करें।