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MP में रिश्वतखोर….सागर में प्रोजेक्ट ऑफिसर, इंदौर में को-ऑपरेटिव का सीनियर इंस्पेक्टर और रतलाम में पंचायत सचिव घूस लेते पकड़ाए

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मध्यप्रदेश में सोमवार को 3 जगह रिश्वतखोरी के मामले सामने आए। यहां 2 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए की घूस लेते तीन लोग पकड़े गए। तीनों कार्रवाई लोकायुक्त ने की। टीम ने सागर, इंदौर और रतलाम में कार्रवाई की। सागर में महिला एवं बाल विकास का परियोजना अधिकारी 50 हजार रुपए लेते पकड़ाया। उसने आंगनबाड़ी सहायिका पद पर नियुक्ति के लिए पैसे मांगे थे। इंदौर में को-ऑपरेटिव बैंक डिपार्टमेंट के सीनियर इंस्पेक्टर को 10 हजार रुपए की घूस लेते पकड़ा। उसने संस्था में गड़बड़ी करने पर आरोपी को बचाने के लिए रुपए मांगे थे। इसके अलावा, रतलाम में पंचायत सचिव ने योजना का लाभ दिलाने के लिए दो हजार रुपए मांगे थे।

सागर में आंगनबाड़ी सहायिका की नौकरी के लिए मांगे रुपए
राहतगढ़़ में महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी अनुराग दुबे को 50 हजार रुपए लेते पकड़ा है। उसने महिला से आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति कराने के नाम पर पैसे मांगे थे। शिकायतकर्ता हरिराम पटेल निवासी पीपरा है। वह अपनी पत्नी की राहतगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्र पीपरा में सहायिका के पद पर नियुक्ति कराना चाहता था। इसी के एवज में अनुराग दुबे ने पैसे मांगे थे। परेशान होकर हरिराम ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी।

इंदौर: आरोपी को बचाने के लिए मांगे रुपए

लोकायुक्त पुलिस ने को-ऑपरेटिव डिपार्टमेंट के सीनियर इंस्पेक्टर को 10 हजार रुपए की घूस लेते पकड़ा है। सीनियर इंस्पेक्टर प्रमोद तोमर है। DSP प्रवीण सिंह बघेल ने बताया, तोमर के पास तिलक नगर गृह निर्माण सहकारी साख संस्था में गड़बड़ी की जांच थी। इसमें संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष और संचालक मंडल को गड़बड़ियां मिली थीं। इस पर अध्यक्ष को आरोपी बनाने से बचाने के लिए प्रदीप तोमर ने रुपए मांगे थे। हाल में उसने संस्था अध्यक्ष दिलीप बौरासी से डील शुरू की। सौदा 15 हजार रुपए में तय किया। अध्यक्ष दिलीप बौरासी ने तोमर को 5 हजार रुपए दिए। बाकी 10 हजार रुपए के लिए तोमर दबाव बनाने लगा। इस पर अध्यक्ष ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी।

रतलाम में योजना का लाभ दिलाने के मांगे पैसे

सुखेड़ा ग्राम पंचायत का पंचायत सचिव जगदीश पांचाल दो हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया है। उसने शंकरलाल मालवीय से फलोद्यान योजना का लाभ दिलवाने के लिए पैसे मांगे थे। खास है, विभिन्न मांगों को लेकर पंचायत सचिव संगठन हड़ताल पर हैं। जगदीश रुपए लेने हड़ताल छोड़कर कार्यालय पहुंचा। शंकरलाल 3 हजार रुपए पहले ही दे चुका था। वहीं, सोमवार को 2 हजार रुपए देने थे। इसी दौरान उज्जैन की लोकायुक्त टीम ने दबोच लिया।

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