सीहोर
जिले के संग्रामपुर गांव में सोयाबीन की खराब फसल को लेकर किसानों ने पेड़ पर चढ़कर अनोखा प्रदर्शन किया। इस बार किसानों की फसल कीट और अफलन से खराब हो गई है। किसानों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 2 घंटे तक घंटी बजाई, और फसल का सर्वे न होने और पीछले साल की बीमा राशि नहीं मिलने पर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई है।
आखिरकार अब तो हमारी सुन लो सरकार
किसान महेश मेवाडा और एम एस मेवाड़ा ने बताया कि अफलन फसल के सर्वे के बाद आर्थिक सहायता देने के लिए 2 सप्ताह पहले कलेक्ट्रेट में ज्ञापन दिया था। उस समय अफसरों ने कहा था कि पटवारियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद सर्वे करेंगे। लेकिन सर्वे तो दूर आज तक कोई फसल देखने तक नहीं आया। किसानों का सब्र का बांध टूटा और उन्होंने अनोखे तरीके से प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसान विरोध जताने के लिए हाथों में खराब फसल और घंटी लेकर पेड़ों पर चढ़ गए। पेड़ों के ऊपर से घंटी बजा कर नारेबाजी करते हुए कहा- आखिरकार अब तो हमारी सुन लो सरकार।
किसान रामसिंह मेवाडा ने बताया कि पिछले साल अल्पवृष्टि और अतिवृष्टि और इस साल कीट प्रकोप ने सोयाबीन की फसल को नष्ट कर दिया है। लागत तो दूर, बोया हुआ बीज तक नहीं निकलेगा। शासन प्रशासन को जल्द खराब फसल का सर्वे कराना चाहिए।
वहीं, सीहोर कृषि विभाग के एडीडीए रामशंकर जाट ने बताया कि सोयाबीन फसल में कीट से नुकसान हुआ है। लेकिन नुकसान कितना हुआ है, इसका पता फसल कटाई के बाद उत्पादन के आधार पर ही चलेगा। हमारी टीम लगातार फसल की जानकारी ले रही है।