भिंड. आपके दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो रास्ते की मुश्किलें आपको मंजिल तक पहुंचने में रोक नहीं सकतीं. मजबूत दृढ़ संकल्प और बुलंद हौसले की बदौलत विषम परिस्थितियों में भी आप अपने मुकाम को हासिल कर सकते हैं. ऐसा ही कुछ भिंड के विकास सेथिया ने कर दिखाया है जिन्होंने बीहड़ में बसे गोरम गांव से निकलकर यूपीएससी में 642वी रैंक पाकर जिले का नाम रोशन कर दिया है.
विकास की सफलता की सबसे ज्यादा खुशी उसके पिता अवधेश सेथिया को है. अवधेश ने बताया कि काफी मुश्किल परिस्थितियों में विकास ने ये सफलता हासिल की है इसलिए उनके लिये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण क्षण है. विकास बीहड़ों के बीच बसे गोरम गांव के निवासी हैं. विकास की पढ़ाई को देखते हुए उनका परिवार भिंड शहर के वाटर वर्क्स इलाके में किराए का कमरा लेकर रह रहे हैं. विकास के चाचा पवन शर्मा भी विकास की सफलता को लेकर काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें जैसे ही विकास की सफलता की खबर मिली तो उन्होंने तुरंत स्वागत को लेकर अपने घर के बाहर एक आयोजन रख दिया और अपने परिवार समेत रिश्तेदारों को न्योता देकर इकट्ठा किया. सभी लोगो मिलकर विकास की सफलता पर खुशियां मना रहे हैं. पवन शर्मा ने बताया कि विकास ने यह सफलता हासिल कर के सभी के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं.
विकास की सफलता पर उनकी 95 वर्ष की नानी भी गदगद नजर आ रही है. नानी की खुशी उनकी चेहरे से साफ झलक रही है. जब विकास की सफलता के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की. उन्होंने बताया कि उन्होंने विकास की सफलता पर विकास को 500 रुपये देकर उसका सम्मान भी किया है.