इन्दौर। ब्रह्मचारी अजित जी द्वारा प्राकृत भाषा में लिखित तथा श्रमणाचार्य श्री विमदसागर मुनिराज द्वारा कृत निर्विकल्पवृत्ति युक्त कल्याण लोचना के अध्ययन-मनन व अनुशरण से देश का विकास, शांति और व्यक्ति का कल्याण सम्भव है। ये विचार शनिवार-रविवार को गुमास्तानगर इंदौर की दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित द्विदिवसीय राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी मंे न्यायमूर्ति श्रीमती विमला जैन ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त किये। न्यायमूर्ति श्रीमती जैन ने कहा कि इसमें श्रमणाचार्यश्री ने सामाजिक समरसता, विश्वशान्ति के उपाय, पर्यावरण का संरक्षण, अनावश्यक जल-दोहन, जल का अपव्यय और अनावश्यक लकड़ी जलाने का निषेध किया है। ऐसा व्यवहार करें जिससे किसी के मन को रंचमात्र भी ठेस न पहुंचे, स्वयं द्वारा किये गये दोष-गलतियों का वखान कर उनकी क्षमा मांगना चाहिए ऐसा लिखा है। इसके अनुसार आचारण करने पर निश्चित ही समाज में शांति और समन्वय की भावना जाग्रत होगी, प्रत्येक स्तर पर द्वेषपूर्ण प्रतिष्पर्धा और घृणा का वातावरण समाप्त होगा।
गुमास्तनगर दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष प्रतिपाल टोग्या एवं महामंत्री सुभाष सेठिया ने बताया कि यहां वर्षायोगस्थ श्रमणाचार्य श्री विमदसागर जी मुनिराज ससंघ के सान्निध्य में ब्र. अनिल मलैया अधिष्ठाता एवं डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’ के संयोजन में 2 एवं 3 अक्टूबर को ‘‘कल्याण लोचना निर्विकल्पवृत्ति अनुशीलन’’ विषय पर राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। जिसमें देश के लगभग 44 विद्वान् आमंत्रित थे। जिनमें प्रमुख हैं-डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर, डॉ. सनत कुमार जैन, जयपुर, प्रतिष्ठाचार्य श्रवणकुमार जैन, सागर, इंजी. श्री दिनेश जैन, भिलाई, पं. नन्हेभाई शास्त्री, सागर, डॉ. आशीष जैन वेगमगंज, पं. जयन्त कुमार जैन, सीकर, अनूपचन्द्र जैन एड, फिरोजाबाद, पं. उदयचन्द जैन प्रतिष्ठा, सागर, डॉ. महेन्द्रकुमार जैन, झांसी, श्री सुरेश जैन (आई.ए.एस.), भोपाल, न्यायमूर्ति श्रीमती विमला जैन, भोपाल, पं. निर्मल कुमार जैन टीकमगढ़, ब्र. जिनेश मलैया, इन्दौर, डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, प्रो. सरोज कुमार, श्री सुरेश जैन मारौरा, डॉ. भरतकुमार जैन शास्त्री, पं. रतन लाल जैन शास्त्री, सारस्वत अतिथि, पं. रमेशचंद्र बांझल पं. जयसेन जैन, डॉ. सुशीला सालगिया, ब्र. पं. विकास कुमार जैन, डॉ, संगीता मेहता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, डॉ, संगीता विनायका, पं. राजीव निराला, श्रीमती आशा जैन सिरि भूवलय परियोजनाधिकारी, डॉ. रजनी दीदी, ब्र. शशि दीदी इन्दौर, ब्र. समता दीदी, इन्दौर, ब्र. विजया दीदी इन्दौर, ब्र. डॉ. संगीता जैन (दमोह) इन्दौर, पं. राकेश रत्नाकर, गोम्मटगिरि, इंदौर, पं. मुकेश विमल, इन्दौर।
-डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’,