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माफी मांगने वाला वीर?क्षमा वीरों का आभूषण

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शशिकांत गुप्ते

क्षमा वीरस्य भूषणं। क्षमा वीरों का आभूषण है।क्षमा शब्द क्षम से बना है, जिससे क्षमता शब्द भी बनता है।क्षमता का मतलब होता है साम‌र्थ्य।क्षमा का वास्तविक अर्थ यह होता है, किसी की गलती या अपराध का प्रतिकार नहीं करना। सहन करने का साम‌र्थ्य होना यानी माफ कर देना।दरअसल,क्षमा का अर्थ सहनशीलता भी है।क्षमा कर देना,माफ कर देना बहुत बड़ी क्षमता का परिचायक होता है। इसलिए नीति में कहा गया है, क्षमा वीरस्य भूषणम अर्थात क्षमा वीरों का आभूषण है, कायरों का नहीं।कायर तो प्रतिकार करता है। प्रतिकार करना आम बात है, लेकिन क्षमा करना सबसे हिम्मत वाली बात है।
महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्षमा वीरस्य भूषनम यह नीतिगत सूक्ति है।
जब नीति शब्द का उच्चारण होता है तो नीयत पर भी व्यापक दृष्टिकोण रखतें हुए बहुत ही गम्भीरता से विचार करना अनिवार्य हो जाता है।
वर्तमान में जिस मुद्दे पर सार्वजिनक बहस हो रही है।वह मुद्दा है माफ़ी का।आश्चर्यजनक तर्क है, क्षमा मांगने वाले वीर ने अपने वैचारिक प्रतिद्वंदी की सलाह पर माफ़ी मांगी?
नीतिगत सूक्ति का भावार्थ है, जो क्षमा करता है,वह वीर होता है।
यह बहुत ही असमजंस्यता पूर्ण बहस है।क्षमा मांगने वाला भी वीर और नीति के अनुसार क्षमा करने वाला भी वीर है?
इस मुद्दे पर नीति से अधिक नीयत पर बहस होना चाहिए।
महात्मा गांधीजी के कथनानुसार तो क्षमा मांगने के लिए भी साहस चाहिए।यह कथन गांधीजी के सत्य और अहिंसा के प्रति निष्ठा को प्रमाणित करता है।
इतिहास पढ़ने वालों ने शोधग्रन्थों को पढ़ना चाहिए।ऐतिहासिक शोधग्रन्थों को पढ़ने पर बहुत सी भ्रांतियां दूर होतीं हैं।इतिहास पर शोधकर्ताओं ने बहुतसे तात्कालिक इतिहासकारों पर भी वही आरोप लगाए हैं,जो वर्तमान के गोदी मीडया पर लग रहें हैं।इतिहास के शोधगर्न्थो पर समीक्षा लिखने वालों ने साहस के साथ समीक्षा की है।
मुद्दा है माफी का?
क्रांतिकारी युवाओं ने फ़िरंगियों की भरी सभा में बॉम का विस्फ़ोट किया और विस्फ़ोट करने पर भागे नहीं साहस के साथ गिरफ्तार हुए।फ़िरंगियों तीनों युवाओं को क्रूरता पूर्ण फांसी की सजा दी।इन युवाओं ने माफ़ी नहीं मांगी।
एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है।जिस माफी वीर पर बहस हो रही है।उस माफी वीर पर विपक्षियों ने बहुत आरोप लगाएं हैं,लेकिन किसी भी विरोधी ने उस माफी वीर को देशद्रोही नहीं कहा।
वर्तमान में तो विरोधियों को देशद्रोही कहने का मानों फैशन ही चल पडा है।
लेखक, इस लेख के माध्यम से क्षमा मतलब माफ़ी के चल रही बहस से भिन्न राय रखते हुए क्षमा शब्द की व्यापकता पर अपने विचारों प्रकट करने का प्रयास किया है।
इस बहस के चलते एक दोहे का स्मरण होता है।
क्षमा बड़न को चाहिए,छोटन को उत्पात।
का रहीम हरी का घट्यो,जो भृगु मारी लात।।
ग़ुस्सा या उद्दंडता करने वाले व्यक्ति हमेशा छोटे कहें जातें हैं, और क्षमा करने वाले लोग ही बड़े बनते हैं।महाकवि रहीम ने अपने इस दोहे में इसी भावना की व्याख्या की है।
इसीलिए हिंदी में क्षमा के लिए अनगिनत शब्द और संबोधन गढ़े गए हैं।कहीं क्षमा को मानवता का मोती कहा गया है, तो कहीं बड़प्पन।दुनिया के हर धर्म-संप्रदाय में क्षमा की महिमा बतलाई गई है।आधुनिक मेडिकल युग में क्षमा चिकित्सा थेरेपी के रूप में उभर चुका है। इसे कहते हैं, फॉरगिवनेस थेरेपी। इससे कई मानसिक रोगों का उपचार हो रहा है और लोग दर्द से छुटकारा पा रहे हैं। कहने का मतलब, इन दिनों क्षमा मेडिकल जगत में भी एक बहुत बड़े हथियार के रूप में सामने आ रहा है।

शशिकांत गुप्ते इंदौर

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