वॉशिंगटन
एपल को पछाड़ते हुए माइक्रोसॉफ्ट एक बार फिर दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन गई है। शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप लगभग 2.46 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया, जबकि एपल का मार्केट कैप 2.43 ट्रिलियन डॉलर पर था। एपल के चौथी तिमाही के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आए हैं, जिसकी वजह से ये बदलाव देखने को मिला है।
एपल के शेयर में 2.27% की गिरावट
भारतीय समयानुसार रात करीब 10 बजे एपल के शेयर 2.27% की गिरावट के साथ 149.16 डॉलर पर ट्रेड कर रहे थे, तो वहीं माइक्रोसॉफ्ट के शेयर 1.34% की तेजी के साथ 328.69 डॉलर पर थे। माइकोसाफ्ट के शेयर में 329.52 डॉलर का हाई जंप देखने को मिला और 323.90 डॉलर तक का लो रहा। एपल के शेयर ने 146.41 डॉलर का लो बनाया और 147.22 डॉलर का हाई।
सप्लाई चेन प्रभावित होने से हुआ नुकसान
चौथी तिमाही में iPhone की बिक्री में साल-दर-साल आधार पर 47% की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन एनालिस्ट्स की उम्मीद से ये कम है। एपल के CEO टिम कुक ने कहा, सप्लाई चेन के प्रभावित होने की वजह से 6 अरब डॉलर का रेवेन्यू शॉर्टफॉल एस्टीमेट किया गया है। उन्होंने दिसंबर में सप्लाई चेन की स्थिति और भी ज्यादा खराब होने की आशंका जताई है।
एपल ने सऊदी अरामको को पछाड़ा था
Apple 1 ट्रिलियन डॉलर और 2 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप तक पहुंचने वाली पहली कंपनी थी। पिछले साल जुलाई 2020 में मार्केट कैप में ऑयल कंपनी सऊदी अरामको को पीछे छोड़ते हुए यह दुनिया की सबसे वैल्यूएबल पब्लिकली ट्रेडेड कंपनी बन गई थी।
माइक्रोसॉफ्ट ने 2020 में एपल को पीछे छोड़ा था
माइक्रोसॉफ्ट ने आखिरी बार 2020 में मार्केट कैप में एपल को पीछे छोड़ा था। उस समय भी कोरोना महामारी की वजह से सप्लाई चेन प्रभावित हुई थी। इस साल माइक्रोसॉफ्ट के स्टॉक में 45% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं एपल के शेयर 15% ही चढ़े हैं।
महामारी में बड़ी माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस की डिमांड
महामारी के दौरान माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड बेस्ड सर्विस की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई, जिस वजह से इसके स्टॉक में इतनी बढ़ोतरी देखने को मिली। जून में माइक्रोसॉफ्ट पहली बार 2 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप से ऊपर बंद हुआ था।