इंदौर
पीथमपुर में प्रदेशभर की इंडस्ट्रियल यूनिट से निकलने वाले वेस्ट (कचरे) से अलग-अलग उत्पाद बनाने के लिए सर्कुलर इकोनॉमी एंड इनोवेशन पार्क बनेगा। यह पार्क 50 एकड़ पर दो चरण में 300 करोड़ की लागत से बनेगा। पहला चरण 153 करोड़ से 18 माह में पूरा होगा। सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ पार्क बनाने वाले हास्विन कंपनी के अशद वारसी, उनके फाइनेंशियल एडवाइजर सीए संतोष मुछाल के बीच बैठक में सहमति बन गई।
सीएम ने ट्वीट कर इस पार्क को लेकर कहा कि इससे 450 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वारसी ने बताया यहां 18 तरह के इंडस्ट्रियल कचरे को उपयोग करने वाले उत्पादों में बदला जाएगा। पीथमपुर व प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रोें से प्लास्टिक, ग्लास, मैटल, जला हुआ ऑइल आदि आइटम निकलते हैं। इनसे डीजल, फिर से उपयोग में लाए जाने वाला ऑइल, पॉली कार्बोनेट (जिससे प्लास्टिक अन्य उत्पाद बनते हैं) व ग्लास के अन्य आइटम बनेंगे।
एक यूनिट यहां पर हाईटेक लैब की होगी, जो बनने वाले उत्पादों की टेस्टिंग, सर्टिफिकेशन का काम करेगी और एक यूनिट में इन्क्यूबेशन सेंटर होगा, जिसमें युवाओं को एक साल की ट्रेनिंग देकर इसी तरह के स्टार्टअप विकसित करने के लिए तैयार किया जाएगा। यहां व्हीकल स्क्रैप का भी काम होगा, जो केंद्र की नई पॉलिसी के तहत आगे जाकर बड़ा सेक्टर बनेगा।
यह देश का पहला कार्बन न्यूट्रल पार्क होगा
यह देश का पहला ऐसा इनोवेशन पार्क होगा, जो कार्बन न्यूट्रल होगा। यहां पर कार्बन उत्सर्जित नहीं होगी और इससे कार्बन क्रेडिट भी पैदा होगी, जो एक अलग आय का साधन बनेगा। सीएम ने इस प्रोजेक्ट को लेकर विस्तार से जानकारी ली और इस पर प्रसन्नता जाहिर की है। इस पार्क से इंडस्ट्रियल वेस्ट से नए उत्पाद बनाने की पहल होगी और आय के नए रास्ते खुलेंगे।
- 50 एकड़ पर दो चरण में तैयार होगा यह पार्क
- 18 महीने में पूरा होगा पहला चरण
- 153 करोड़ रुपए पहले चरण की लागत आएगी
- पहला ऐसा इनोवेशन पार्क, जो कार्बन न्यूट्रल होगा
यह यूनिट बनेंगी- मोबाइल, लैपटॉप और टीवी भी हो सकेंगे रिसाइकल
जैविक कचरे से खाद की यूनिट, कचरे से मटेरियल को वापस निकालकर उपयोग में लाना, जैव मिथेन से कंप्रेस्ड बायोगैस बनाना, डायपर और सैनेटरी पैड वेस्ट का निपटान करना, कागज और कार्ड बोर्ड वेस्ट को फिर उपयोग में लाने लायक बनाना, प्लास्टिक से फिर प्लास्टिक रॉ मटेरियल बनाना, प्लास्टिक से तेल व ईंधन बनाने की सुविधा, खराब व एक्सपायरी खाद्य उत्पाद से खाद व ईंधन बनाना, तेल और लुब्रीकेंट के वेस्ट से फिर उपयोग लायक तेल बनाना, सभी तरह की बैटरी का रिसाइकल, सोलर व विंड पैनल वेस्ट का रिसाइकल, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट जैसे मोबाइल, टीवी, कम्प्यूटर भी रिसाइकल हो सकेंगे।