अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

अजमेर में सरस डेयरी को दूध देकर अनेक सामाजिक और आर्थिक योजनाओं का लाभ उठाएं पशुपालक-अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी

Share

एस पी मित्तल, अजमेर

राज्य सरकार के नियम कायदों के तहत सहकारिता क्षेत्र में चलने वाली अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी जिले भर के पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं का दूध सरस डेयरी के संकलन केंद्रों पर ही जमा करवाए। निजी क्षेत्र की डेयरियां पशु पालकों को सामाजिक सुरक्षा का कोई गारंटी नहीं देती है, जबकि सहकारी के क्षेत्र में चलने वाली सरस डेयरी आर्थिक योजना के साथ साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी देती है। चौधरी ने कहा कि निजी क्षेत्र की डेयरी का लाभ एक दो परिवारों को ही मिलता है।

जबकि सरस डेयरी के मुनाफे का लाभ आम पशुपालक को मिलता है। चौधरी ने कहा कि निजी क्षेत्र की अमूल डेयरी का लाभ सिर्फ गुजरात के लोगों को ही मिलता है। उन्होंने पशु पालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं का दूध सरस डेयरी के संकलन केंद्रों पर जमा करवा कर अनेक आर्थिक और सामाजिक योजनाओं का लाभ प्राप्त करें। चौधरी ने बताया कि जो पशु पालक पिछले तीन वर्ष से सरस डेयरी के केंद्रों पर दूध जमा करवा रहा है उसकी उम्र यदि 65 वर्ष है तो उसे पांच सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया जा रहा है। इसी प्रकार पशु पालक की मृत्यु पर 10 हजार रुपए की नगद राशि दी जा रही है। पशुपालक के परिवार में प्रसूता महिला को 7 लीटर घी भी नि:शुल्क दिया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि पशु पालकों को उनके दूध का भुगतान नियमित किए जाने के साथ साथ अनेक सामाजिक सुरक्षा दी जाती है। पशुपालकों को इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। राज्य सरकार दो रुपए लीटर का अनुदान भी देती है। मेरा प्रयास है कि इस अनुदान को 3 रुपए करवाया जावे। आगामी एक अप्रैल से पशु पालकों को 7 रुपए प्रति फेट के हिसाब से दूध का भुगतान किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि सरस डेयरी में दूध जमा कराने पर जो लाभ पशुपालकों को मिलता है वह निजी डेयरियों को दूध देने पर नहीं मिलता है। चौधरी ने कहा कि अजमेर डेयरी के सभी दूध संकलन केंद्र अत्याधुनिक तकनीक वाले हैं। यहां कम्प्यूटर से ही दूध की गुणवत्ता की जांच होती है। दूध का माप भी कंप्यूटर पर ही होता है। पशुपालक को जमा दूध की कम्प्यूटराइज्ड पर्ची दी जाती है, जिसमें प्रति लीटर दूध में फैट का उल्लेख भी होता है। सभी संग्रहण केंद्र कोल्ड स्टोर चेन से बंधे हुए हैं। चौधरी ने बताया कि अजमेर डेयरी देश के उन चुनिंदा डेयरियों में से एक हैं, जहां प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग की क्षमता वाला प्लांट लगा हुआ है। मौजूदा समय में रोजाना साढ़े चार लाख लीटर दूध का संकलन जिले भर में होता है। अजमेर डेयरी के नए प्लांट में अन्य डेयरियों का दूध भी प्रोसेसिंग के लिए प्राप्त होता है। डेयरी में ही दूध का  पाउडर और अन्य उत्पाद भी बनाए जाते हैं। गुणवत्ता की वजह से डेयरी के उत्पाद अब ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी डेयरी का उद्देश्य पशुपालक से सिर्फ दूध खरीदना नहीं होता है, बल्कि पशु पालकों के परिवार के सदस्यों का ख्याल भी रखना होता है। प्रति वर्ष पशुपालकों को बोनस भी दिया जाता है। पशुपालकों के हित में चलने वाली योजनाओं की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414004111 पर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी से ली जा सकती है। 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

चर्चित खबरें