अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

गांधी जी की 74 वी पुण्यतिथि पर नर्मदा घाटी में आयोजित हुआ सर्वधर्म सम्मेलन

Share

सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल हुए घाटी से विभिन्न समुदायों के वरिष्ठजन।*
● गांधी जी की अहिंसा और सादगी भरी विचारधारा पर चलने का लिया संकल्प।

देश में राजनैतिक लाभ के लिए फैलाये जा रहे घृणात्मक वातावरण के खिलाफ अहिंसा और आपस में मिलझुलकर रहने का संदेश देने के लिए नर्मदा घाटी के लोगों के द्वारा आज दिनांक 30.01.2022 को शहीद दिवस पर राजघाट (कुकरा) बसाहट, बड़वानी, मध्य प्रदेश में गांधी समाधि पर सर्वधर्म सम्मेलन सम्पन्न हुआ। जिसमें सभी धर्मों के वरिष्ठजन सम्मिलित हुए।


कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखने के पश्चात नवीन मिश्रा के द्वारा गांधी जी के प्रिय भजनों में से एक “वैष्णव जन तो तेने कहिये” से हुई जो सभी के प्रति सम्मान और परोपकार के भाव प्रकट करता है।
गांधी जी की समाधि पर पुष्प अर्पण कर, स्वतंत्रता के लिए लड़े सभी शहीदों के बलिदान को याद करते हुए उनके सपनों का भारत बनाने के उदघोष के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा।
आस-पास से आये सभी वरिष्ठजन जो की अलग-अलग सम्प्रदाय से थे उन्होंने अपनी-अपनी बात रखी।
सभी ने अपने वक्तव्यों में कहां कि हर एक धर्म, बिना किसी द्वेषभाव के सभी से मिलझुलकर रहने का संदेश देता है, प्रत्येक धर्म हमें सादगी से परिपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है। और इसी राह पर हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी भी चले और अहिंसात्मक रूप से हमारे देश को आजाद करवाया।
इस कार्यक्रम में शामिल हुए सिक्ख समाज के नानक सिंह गांधी, गुरुद्वारा बड़वानी से ग्यानी सिंह जी, मुस्लिम समाज के एडवोकेट आरिफ अहमद, बोहरा समाज के इब्राहिम रिझवी, जैन समुदाय से विजय कुमार जैन भी जुड़े। साथ ही बुद्ध धर्म के मोहनराव वकोड़े, और ख्रीस्चीयन धर्म से फादर तैनी जी ने कर्नाटक से ऑनलाइन जुड़ कर अपनी बात रखी| गांधी वादी और वरिष्ठ पत्रकार चिन्मय मिश्रा जी भी इंदौर से कार्यक्रम में जुड़े।
गुरुद्वारा से आये युवा ग्यानी सिंह जी ने इस तरह के सर्वधर्म सम्मेलनों में युवाओं की भागीदारी के महत्व को समझाया और युवाओं से आव्हान किया कि शहीदों के बलिदान को याद रखते हुए देश की प्रगति के लिए कार्य करें, प्रत्येक समुदाय के लिए समान भाव रखे।
मुस्लिम समुदाय से मौलाना अब्दुल जब्बार नूरी ने भी सभी के प्रति प्रेमभाव की बात पर जोर देते हुए कहां कि वह व्यक्ति मुसलमान नही हो सकता किसी अन्य व्यक्ति से घृणा करता है। उन्होंने कहा कि कुरान हमें सभी से मिलझुलकर रहना सिखाती है। उन्होंने कहाँ की गांधी बापू एक आजिम शख्सियत थे।
बोहरा समाज के इब्राहिम रिझवी ने कहां कि भारतीयता ही हम सभी का धर्म होना चाहिए।
जैन समुदाय के विजय कुमार जैन ने अहिंसा परमो धर्म के सिध्दांत को समझाते हुए अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया ।
एडवोकेट आरिफ अहमद ने बहुत ही सुंदर कविता के द्वारा गांधी के आज के समय पर जरूरत को महसूस करवाया। और उनके विचारों पर आगे बढ़ने के लिए कहा।
बुद्ध समुदाय के मोहनराव वकोड़े ने बताया कि किस तरह नर्मदा आंदोलन और बाकी जनांदोलन बुद्ध के द्वारा बताए अहिंसा के रास्ते पर आगे बढ़े है।
इंदौर से वरिष्ठ पत्रकार और चिन्मय मिश्रा जी ने गांधी जी के सर्वधर्म समभाव के विचारों पर प्रकाश डालते हुए अहिंसा के द्वारा हिंसा को हराने के महत्व को समझाया।
मेधा पाटकर जी ने आजादी आंदोलन में भागीरदारी लेने वाले क्रांतिकारियों को याद करते हुए बताया कि वे किसी एक धर्म या सम्प्रदाय के नही थे, आजादी आंदोलन में सभी समुदायों के लोगो ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने आजादी आंदोलन में आदिवासी समुदाय की भूमिका को भी याद करते हुए झलकारी बाई, टंट्या भील, भीमा नायक और खाज्या नायक के बलिदान को नमन किया।
उन्होंने बिरसा मुंडा के द्वारा बताए गए प्राकृतिक धर्म पर जोर देते हुए आज प्रकृति को बचाने की बात पर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने गांधी जी की ग्राम स्वराज की बात पर भी बल दिया।
कार्यक्रम का अंत मेधा पाटकर जी के द्वारा एक गीत के बात संविधान की प्रस्तावना पढ़ कर किया गया।

कैलाश यादव, बलराम यादव, गौरीशंकर कुमावत, गेंदालाल उचवारे, कमला यादव, मुकेश भगोरिया

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें