एस पी मित्तल, अजमेर
राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया उन संजीदा राजनेताओं में से एक हैं जो अपने विरोध को भी सलीके से रखते हैं, इसलिए कांग्रेस सरकार के वार्षिक बजट की तुलना जब पूनिया ने काली दुल्हन के श्रृंगार से की तो उनकी संजीदा छवि पर सवाल उठे। भले ही पूनिया को कांग्रेस सरकार का बजट पसंद न आया हो, लेकिन वे अपनी राजनीति में किसी दुल्हन के रंग का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। क्या किसी महिला का काला रंग होना बुरी बात है? शायद पूनिया को अपनी गलती का अहसास हुआ हो और उन्होंने अगले दिन यानी 23 फरवरी को सुबह ही एक ऑडियो संदेश जारी कर अपने बयान पर माफी मांग ली है। पूनिया ने कहा कि वे अक्सर ऐसे बयान नहीं देते हैं, लेकिन 22 फरवरी को बजट के बाद अनायास ही उनके मुंह से काली दुल्हन के श्रृंगार वाली बात निकल गई। मेरे इस बया नसे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो क्षमा प्रार्थी हंू। अच्छा हुआ कि एक दिन में ही पूनिया को अपनी गलती का अहसास हो गया और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफ भी मांग ली। यह बात अलग है कि पूनिया के 22 फरवरी के बयान पर कांग्रेस ने उनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज से लेकर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष डिसूजा तक ने पूनिया से माफी मांगने की बात कही। अब देखना है कि पूनिया के माफी मांगने के बाद मामला शांत होता है या फिर कांग्रेस अपने विरोध को जारी रखती है। अलबत्ता माफी मांगना भी एक बहुत बड़ा गुण है और नेताओं द्वारा अपने बयान पर माफी मांगना तो और बड़ी बात है।