अग्नि आलोक
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‘अज्ञान से विज्ञान की ओर भाग – 1’की  समीक्षा

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रामस्वरूप मंत्री

,संपादक अग्नि आलोक

प्रिय भाई निर्मल कुमार शर्मा जी !
नमस्कार

       आपके द्वारा भेजी गई पुस्तक 'अज्ञान से विज्ञान की ओर भाग - 1'आज ही डाक से प्राप्त हुई। हालांकि अभी मैं इस पुस्तक को पूरी तरह से पढ़ नहीं पाया हूँ,लेकिन जो आपका विचार और सोच है उसके अनुसार ही उसमें लेख संकलित किए गए हैं । किताब में संग्रहित लेख इस देश,यहाँ के धर्मभीरु और अंधविश्वासी समाज और दुनिया के पर्यावरण संरक्षण तथा पाखंड,अंधविश्वास, राजनैतिक,सामाजिक,आर्थिक,वैज्ञानिक, पर्यावरण आदि विषयों पर चल रही गलत नीतियों और उनसे होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आम जनता को प्रेरणा देंगे ।
         निश्चित रूप से आप पर्यावरण के हित में एक बड़ा काम कर रहे हैं और ना केवल पर्यावरण से जुड़े बल्कि राजनीतिक रूप से देश को बर्बाद करने वाली जो नीतियां चल रही है उसके खिलाफ भी आप ने तीखी टिप्पणी की है !अग्नि आलोक में पूर्व प्रकाशित आपके लेखों को भी इस पुस्तक में संग्रहित किया गया है और आपने एक निष्पक्ष लेखक और पत्रकार का परिचय देते हुए ना केवल अग्नि आलोक बल्कि देश विदेश के सभी समाचार पत्रों का भी अपनी पुस्तक में उल्लेख किया है ! इसके लिए अग्नि आलोक परिवार आपको साधुवाद देता है और अत्यंत आभारी भी है। प्रसिद्ध लेखक हरभगवान चावला जी ने इस पुस्तक की भूमिका लिखते हुए सही कहा है 'निश्चय ही सुख का मतलब खूँटे पर बंधे बैल जैसे केवल पेट भर रोटी और आंख भर नींद ही नहीं है बल्कि सुख का मतलब है एक अच्छी दुनिया,एक अच्छा देश,पर्यावरण से प्रेम और पूरे देश में इंसान और इंसान में भाई-चारा ! यही एक सुखी संसार और जीवन का मतलब होना चाहिए '
       इस पुस्तक में विभिन्न लेखकों द्वारा इस पुस्तक की भूमिका में लिखे गए पत्र भी आपके विचारों को ही प्रतिपादित करते हैं । इन सभी का पुस्तक में प्रकाशन कर आपने सभी पाठकों को आप को समझने और आपके विचारों को जानने की एक कोशिश की है ।
          इस पुस्तक में आपने जिन लेखों को स्थान दिया है उदाहरणार्थ उसमें निश्चितरूप से ग्लोबल वार्मिंग और आकाशीय बिजली का अन्तर्सम्बन्ध !,शनि ग्रह,भारतीय मिथक बनाम वैज्ञानिक तथ्यः ,शुक्र ग्रह पर वैज्ञानिकों को जीवन के संकेत मिले, हमारी पृथ्वी पर जीवन कैसे आया ? सुलझती गुत्थी,आधुनिक विकास बनाम बाघ और अन्य वन्य जीव,हिमालयी ग्लेशियरों के पिघलने में ऑलवेदर चार-धाम सड़क का अहम् रोल,अंतरिक्ष में भी प्रदूषण, चालीस साल पूर्व मर चुके घोड़े के डीएनए से घोड़े के बच्चे का सफलतापूर्वक जन्म !,ठंड और खराब मौसम में भी सूरज चमकेगा !,सरकारों द्वारा पर्यावरण संरक्षण कितना यथार्थ,हीरों से बना पूर्ण ग्रह ,इस वर्ष का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार ब्लैक होल के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के नाम,यमुना की सबसे बड़ी दुश्मन दिल्ली,जर्मनी या यूरोप की नदियाँ इतनी साफसुथरी क्यों हैं ? हमारी कथित माँ गंगा क्यों नहीं ?,जलवायु परिवर्तन और भारत की दयनीय स्थिति,स्वामी सदानंद के बारे में,मोबाइल टॉवर से निकलनेवाली रेडिएशन से समस्त जैवमण्डल को जबर्दस्त खतरा,सभी धर्म इंसानियत और महिलाओं के सबसे बड़े दुश्मन, मानव इतिहास के इस भयावहतम् संकट के समय में ईश्वर और उसके दलालों की भूमिका ?, दुनियाभर में धर्म,लोक-परलोक,स्वर्ग-नरक आदि काल्पनिक बातें आम आदमी के अनन्त शोषण के लिए ही बनाई गईं हैं ! विश्व शांति बनाम अकथ्य बड़ा ब्रह्मांड बनाम एक बिन्दु सी हमारी पृथ्वी बनाम हमारा मिथ्या दंभः एक कालातीत महान संदेश आदि-आदि लेख आपके बहुआयामी व्यक्तित्व और विचार को ही प्रतिपादित और प्रतिबिंबित करते हैं !
       निश्चित रूप से आपके द्वारा लिखी यह पुस्तक पठनीय है और अनुकरणीय भी है ! आपने मुझे पुस्तक भेजी,उसके लिए आपका बहुत-बहुत आभार अग्नि आलोक परिवार पर आपका स्नेह  सदैव बना रहे ।
         आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न और दीर्घायु रहें हम सभी यही कामना करते हैं कि आपकी लेखनी से यहाँ का अंधविश्वास,पाखंड, धर्मभीरूता,जातिवादी और धार्मिक वैमनस्यता आदि के अंधेरे कुँए में छटपटा रहे भारतीय समाज और इस देश को आपकी यशस्वी, विचारोत्तेजक, न्यायोचित, समाजोपयोगी, सम्यक व निर्भीक तथा बेखौफ विचारों से युक्त निर्झर झरने जैसे शीतल,स्निग्ध,सम्मोहक व आवाम के हितपरक  हजारों लेख आपकी लेखनी से सतत भविष्य में भी निरंतर प्रस्फुटित होते रहें,ताकि यह देश और यहाँ का समाज भी आधुनिक दुनिया के प्रगतिशील देशों तथा वहाँ के शांतिप्रिय व बौद्धिक समाज के साथ कदमत करता रहे यही मेरी कामना है।  


         आपका ही शुभचिंतक -रामस्वरूप मंत्री ,संपादक ,अग्निआलोक, इंदौर,मध्यप्रदेश,संपर्क  -9425902303,
           *_निम्नवत् विषय सूची में दर्शित वैज्ञानिक लेखों से सजी मेरे द्वारा लिखित यह पुस्तक 'अज्ञान से विज्ञान की ओर भाग-1 ' प्रकाशित हुई है..कृपया वैज्ञानिक व तथ्यों पर आधारित लिखे गए लेखों के संकलन आधारित इस पुस्तक को स्वयं भी पढ़ें तथा अपने परिवार जनों,मित्रों, परिचितों,रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भी पढ़ने को प्रेरित करें,ताकि भारतीय समाज में सर्वत्र व्याप्त मूढ़ता,अंधविश्वास और पाखंड की समाप्ति हो और हम,हमारा समाज और हमारा देश भी दुनिया के प्रगतिशील देशों जैसे शिक्षा,स्वास्थ्य,जागरूकता,चैतन्यता,वैज्ञानिकता आदि क्षेत्रों में कंधा से कंधा मिलाकर चल सके,जिससे हम सभी शिक्षित हों ,हमारे जीवन में भी संपन्नता और खुशहाली आए,जिससे हमारा जीवन भी स्वस्थ्य व सुखद हो सके ! असीम शुभकामनाएं.._*
    *_महोदय जी ! असीम शुभकामनाएं..यह पुस्तक श्री अजेय कुमार,संपादक,उद्भावना प्रकाशन,सेक्टर -23,गाजियाबाद या प्रोग्रेसिव प्रेस दिलशाद गार्डन दिल्ली से प्राप्त कर सकते हैं या डाक से भी मंगवा सकते हैं। संपर्क नंबर  98115 82902, 9910629632 तथा ईमेल -_* *_(1)pd.press@gmail.com,_*

‘अज्ञान से विज्ञान की ओर भाग -1 ‘
विषय सूची –

1- शनि ग्रह ,भारतीय मिथक बनाम वैज्ञानिक तथ्य..
2-शुक्र ग्रह पर वैज्ञानिकों को जीवन के संकेत मिले
3 – हमारी पृथ्वी पर जीवन कैसे आया ? सुलझती गुत्थी
4-ग्लोबल वार्मिंग ,तेजी से पिघलते गलेशियर, भीषण गर्मी और गंभीर जल संकट
5-अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की बेकार बैटरी बनाम अंतरिक्ष मेंं भी प्रदूषण !
6-चालीस साल पूर्व मर चुके घोड़े के डीएनए से घोड़े के बच्चे का सफलतापूर्वक जन्म !
7-मधुमक्खियां मानव इंजीनियर से भी बड़ी इंजीनियर
8- दुनिया का सबसे बड़ा स्तनधारी जीव ‘ह्वेल ‘ विलुप्ति के कगार पर
9 – किसान का मित्र नेवले का भी अस्तित्व गंभीर संकट में…!
10-…और अब इस दुनिया का सबसे बड़ा माँसाहारी जीव ध्रुवीय भालू भी इस दुनिया में चंद सालों का मेहमान !

11-मानव के लगभग समकक्ष बुद्धिमान प्राणी डॉल्फिन विलुप्ति के कग़ार पर !
12-कथित आधुनिक विकास बनाम प्रलय
13-हमारे चन्द्रमा पर पीने को पानी भी मिला !
14-इस पृथ्वी और मानवप्रजाति के उद्भव के सबूत जुटाने एक अंतरिक्ष यान एक छुद्रग्रह पर पहुँचा !
15-अमेरिकी अंतरिक्षयान रोवर पर्सिवियरेंस मंगलग्रह पर सफलता पूर्वक उतरा
16-अत्यधिक ठंड और खराब मौसम में भी अब कृत्रिम सूरज चमकेगा !
17- आधुनिक विकास बनाम बाघ और अन्य वन्य जीव
18-सरकारों द्वारा पर्यावरण संरक्षण कितना यथार्थ ?
19-ग्लोबल वार्मिंग और आकाशीय बिजली का अन्तर्सम्बन्ध !
20- हीरों से बना पूरा ग्रह !
21-इस वर्ष का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार ब्लैक होल के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के नाम
22-माइक्रोप्लास्टिक का मानव जीवन पर दुष्प्रभाव
23-हाइपरलूप तकनीक से चलनेवाली ट्रेन हवाई जहाज से भी तेज चलेगी !
24 – मानवजनित कुकृत्यों से विलुप्त होतीं जीवप्रजातियाँ..
25-रूस का एक और महाविनाशक हथियार ! आखिर हथियारों का यह विनाशक दौर कब रूकेगा ?
26-अमेजन के जंगलों में आग लगाना , मनुष्य प्रजाति सहित समस्त जैवमण्डल के लिए ‘आत्मघाती ‘ होगा
27- स्वामी सदानंद के समय में
28- कोरोना संकट में किए ‘लॉकडाउन ‘ से हमारे पर्यावरण पर होता सकारात्मक प्रभावः एक विस्तृत आकलन
29 -माऊँट एवरेस्ट भी कचरे से पटा
30- तालाब या पोखर द्वारा जलसंचय बनाम आज की कथित आधुनिकता
31 ग्रेटा थनबर्ग की संयुक्त राष्ट्र संघ में गरजने के निहितार्थ
32 मानव अपने भविष्य की जड़ स्वयं खोद रहा है !
33 -हिमालयी ग्लेशियरों के पिघलने में ऑलवेदर चारधाम सड़क का अहम् रोल
34 -यमुना की सबसे बड़ी दुश्मन दिल्ली
35 -जलवायु परिवर्तन और भारत की दयनीय स्थिति
36-जर्मनी (यूरोप )की नदियाँ इतनी साफसुथरी क्यों ? एक निष्पक्ष समीक्षा ( यात्रा संस्मरण )
37-हमारी सदानीरा नदियाँ कैसे बचेंगी ?
38- हमें अपनी प्यारी माँ धरती को बचाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करने ही होंगे
39-पर्यावरण बचाने व उसके संरक्षण तथा वृक्षारोपण के नाम पर ढिंढोरा पीटनेवाली सरकारों की हक़ीक़त !
40-नदी में तैरते शव बनाम ध्वस्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अंतर्संबंध
41-मानव इतिहास के इस भयावहतम् संकट के समय में ईश्वर और उसके दलालों की भूमिका ?
42-दुनियाभर में धर्म,लोक-परलोक,स्वर्ग-नरक आदि काल्पनिक बातें आम आदमी के अनन्त शोषण के लिए ही बनाई गईं हैं !
43- मोबाइल टॉवर से निकलनेवाली रेडिएशन से समस्त जैवमण्डल को जबर्दस्त खतरा !
44-सभी धर्म इंसानियत और महिलाओं के सबसे बड़े दुश्मन और हत्यारे !
45-विश्व शांति बनाम अकथ्य बड़ा ब्रह्मांड बनाम एक बिन्दु सी हमारी पृथ्वी बनाम हमारा मिथ्या दंभः एक कालातीत महान संदेश

Nirmal Kumar Sharma - YouTube

-निर्मल कुमार शर्मा, ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में पाखंड, अंधविश्वास,राजनैतिक, सामाजिक,आर्थिक,वैज्ञानिक, पर्यावरण आदि सभी विषयों पर बेखौफ,निष्पृह और स्वतंत्र रूप से लेखन ‘, गाजियाबाद, उप्र,संपर्क – 9910629632,ईमेल-nirmalkumarsharma3@gmail.com
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