कोरबा। विस्थापन और इससे जुड़ी समस्याओं के खिलाफ संघर्ष तेज करने के आह्वान के साथ जनवादी महिला समिति ने आज पुनर्वास ग्राम गंगानगर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। कार्यक्रम में माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर मुख्य अतिथि थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जमस की जिलाध्यक्ष देवकुंवर के की।
महिला दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर ने कहा कि भारतीय संविधान ने महिलाओं को समानता का अधिकार दिया है, लेकिन आज भी वह कागजों तक ही सीमित है। जब तक भारत में अंधविश्वास और दकियानूसी परंपराओं को खत्म नहीं किया जाता, महिलाएं प्रताड़ित होती रहेगी। उन्होंने कहा कि समानता के समाज का निर्माण और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की लड़ाई अलग-अलग नहीं है और मजदूर-किसान आंदोलन के साथ मिलकर संघर्ष करने से ही उसे हासिल किया है सकता है।
जनवादी महिला समिति की नेता देवकुंवर ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की लूट का अनिवार्य नतीजा विस्थापन है, जिसकी सबसे बुरी मार महिलाओं को ही झेलनी पड़ती है। जिन गांवों का अधिग्रहण एसईसीएल ने किया है, अब वे अपने अस्तित्व, पहचान और रोजी-रोटी के लिए लड़ रहे हैं। घर-घर बेरोजगारी पसरी हुई है और अपनी जमीन गंवाने के बाद उन्हें अपनी आजीविका के लिए लड़ना पड़ रहा है। देश के विकास में अपनी भूमिका का दावा करने वाले एसईसीएल ने कभी महिलाओं के बारे में नहीं सोचा कि उन्हें किस प्रकार रोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विस्थापन विरोधी संघर्ष से महिलाओं को भी बड़े पैमाने पर जोड़ा जाएगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं शामिल थीं।
*देवकुंवर*अध्यक्ष, जनवादी महिला समिति, कोरबा