अग्नि आलोक
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 ऐतिहासिक जय स्तंभ बचाने गांधीजी और डॉ अंबेडकर के चित्रों पर पुष्पांजलि दी गई

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रीवा । समाजवादी जन परिषद , नारी चेतना मंच एवं विंध्यांचल जन आंदोलन के तत्वावधान में ऐतिहासिक जय स्तंभ बचाने और यूक्रेन रूस युद्ध के विरोध में विश्व शांति के लिए दीप प्रज्वलन सत्याग्रह 50 वें दिन भी जारी रहा । इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण के साथ महात्मा गांधी एवं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्रों पर भी पुष्पांजलि अर्पित की गई ।
वक्ताओं ने कहा कि यह भारी विडंबना है कि ऐतिहासिक धरोहर जय स्तंभ के अस्तित्व के सवाल को लेकर चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जुबान पर ताला लगा हुआ है , वहीं पृथक विंध्य प्रदेश का राग अलापने वाले भी इस राष्ट्रीय धरोहर के साथ होने जा रहे क्रूर खिलवाड़ को अनदेखा कर रहे हैं । जय स्तंभ चौक का रीवा के अन्य चौराहों की तरह सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए । यातायात व्यवस्था में जय स्तंभ रोटरी को बाधक बताया जाना सरासर गलत है । गुलाम देश को आजाद कराना बहुत बड़ी चुनौती होती है । जिसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने त्याग और बलिदान से सफल बनाया है । जय स्तंभ स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक चिन्ह है , जिसे हटाया नहीं जा सकता। जय स्तंभ राष्ट्रीय धरोहर होने के साथ ऐतिहासिक यादगार है । सोने की प्रतिकृति भी जयस्तंभ की जगह नहीं ले सकती है । जय स्तंभ हमारे देश की आजादी  की लड़ाई का प्रतीक चिन्ह है जिसे निर्धारित स्थान से हटाया जाना सरासर गलत होगा । 
वक्ताओं ने कहा कि जय स्तंभ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन एवं संप्रभुता का प्रतीक चिन्ह है जिसकी ऐतिहासिक अस्मिता बचाने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों , लोकतंत्र सेनानियों , इतिहासकारों , सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों को मुखर होना चाहिए। ऐतिहासिक धरोहरों को उनके मूल स्थान से हटाए जाने की कुत्सित कोशिश इतिहास के साथ क्रूर खिलवाड़ होगा। किसी भी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक धरोहरें और स्मारक गर्व का विषय होते हैं लेकिन यह भारी विडंबना है कि रीवा में सुनियोजित तरीके से इतिहास को ही मिटाया जा रहा है । जय स्तंभ स्वतंत्रता आंदोलन , अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग बलिदान की राष्ट्रीय धरोहर है , जिसकी घनघोर उपेक्षा बेहद चिंताजनक एवं निंदनीय है । जयस्तंभ सभी धर्म वर्ग समुदाय के लोगों की आस्था का प्रतीक है , इसका महत्व किसी भी उपासना स्थल से कम नहीं है । जय स्तंभ चौक के पास मौजूद पुराने गवर्नमेंट प्रेस को हटाकर बनाए गए उद्योगपति समदड़िया मॉल के सौंदर्यीकरण के लिए जय स्तंभ को हटाए जाने की बात निश्चित रूप से आपत्तिजनक है। ऐतिहासिक जय स्तंभ को केन्द्र बनाकर , जय स्तंभ चौक का सौंदर्यीकरण किया जाए , न कि समदड़िया मॉल के लिए जय स्तंभ को हटाया जाए । 
दीप प्रज्वलन सत्याग्रह कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाजवादी जन परिषद के नेता लोकतंत्र सेनानी अजय खरे , जय स्तंभ क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिक सुभाष चंद प्रजापति , सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संगठन रीवा के अध्यक्ष इंजीनियर देवेंद्र सिंह , समाजसेवी विजय मिश्रा एडवोकेट ,  समाजसेवी बृजवासी प्रसाद तिवारी , रेवांचल चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव रफीक मनिहार एडवोकेट , समाजसेवी दीपक गुप्ता एडवोकेट , रेवांचल बस स्टैंड व्यापारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल , कुलदीप नामदेव  , सपाक्स के संदीप शुक्ला , प्रदीप शुक्ला , लालमणि तिवारी , संजय सिंह एडवोकेट , संत कुशवाहा , रामपाल सेन , पीयूष कुमार असाटी , अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के नेता आर के पटेल , सुरेन्द्र  सिंह के अलावा नारी चेतना मंच की नेत्री मिथिलेश गुप्ता , लीला कनौजिया , ताषु , पलक , आयुष आदि की भागीदारी रही ।

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