अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

प्रकृति और प्रवृत्ति

Share

आर डी आनंद

इस तरह के ब्रह्मांड में रह रहे हैं जो न केवल अद्भुत है बल्कि उसकी हर क्रिया को जानने के लिए वह हमारी पहुंच से बाहर है। इसे कहते हैं प्रवृत्ति। उसकी प्रवृत्ति अपने अस्तित्व तक बना रहेगा। हम मनुष्य उसके (प्रकृति के) सुपर उत्पाद हैं। हमारा मस्तिष्क अतुलनीय है, तब भी अच्छा-बुरा चलता रहेगा। विरोधाभास हमेशा बना रहेगा क्योंकि यह असीमित सार्वभौम अपने ही विरोधाभाष की वजह से अस्तित्व में है। विरोधाभाष और उसकी यूनिटी ही प्राकृतिक द्वंद्व है। द्वंद्व के कारण ही प्रकृति अपने स्वरूप में है। द्वंद्व कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है। प्रक्रिया उत्पाद का मूल है। सापेक्ष सत्य की अवधारणा है कि सच और झूठ, अच्छाई और बुराई, सुंदर और कुरूप कुछ भी नहीं होता है बल्कि ये सापेक्षिक सत्य हैं। जिसकी हत्या होती है उसको पीड़ा होती है लेकिन जो हत्या करता है उसको आनंद आता है। बलात्कारी को मज़ा आता है लेकिन बलात्कृत को पीड़ा होती है। जीवन है तो मृत्यु भी है। सकारात्मक और नकारात्मक साथ-साथ हैं बल्कि दोनों की यूनिटी भी है। इसे ही विपरीतों की एकता कहते हैं। मनुष्य इस ब्रह्मांड का सबसे सुपर किन्तु कमजोर प्राणी है। यह ज्ञाता और शक्तिमान होते हुए भी निरीह है। सार्वभौम की गतिविधियाँ अनियंत्रित किन्तु स्वतंत्र रूप से गतिमान हैं जिनको चुनौती नहीं दिया जा सकता है। सार्वभौम ज्ञेय है फिर भी मनुष्य अपने अमरत्त्व की स्थिति में भी अनन्त काल तक सार्वभौम को सम्पूर्ण जान नहीं सकता है।
मनुष्य की प्रवृत्ति भी प्रकृति की तरह अद्वितीय है। ब्रह्माण्ड में किसी भी परिघटना की पुनरावृत्ति नहीं होती है। किसी भी जीव की पुनरावृत्ति नहीं हुई। कोई भी प्राणी पुनः नहीं पैदा हुआ। कोई भी पौधा कोई भी पेड़ सूख जाने के बाद पुनः नहीं उगा। कोई भी तृण जल जाने के बाद पुनः तृण नहीं बना। कहने का अर्थ, न किसी चीज की पुनरावृत्ति होती है और न किसी भी प्राणी का पुनर्जन्म ही होता है।
सापेक्षिक सत्य के बरक्स चिंतन का विषय यह है कि क्या मनुष्य में वर्चस्व, शोषण, हत्या, बलात्कार, चोरी, राहजनी, चुंगली, बद्तमीजी, व्यक्तिवाद इत्यादि दुर्गुण सार्वभौमिक, अद्वितीय और अपरिवर्तनीय हैं? 
*आर डी आनंद*

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें