देश के 8 रिटायर्ड जज, 97 रिटायर्ड नौकरशाहों और 92 रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स सहित 197 लोगों ने PM नरेंद्र मोदी के समर्थन में खुला पत्र लिखा है। यह लेटर चार दिन पहले 108 नौकरशाहों के कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (CCG) की तरफ से PM मोदी को लिखे गए पत्र का जवाब माना जा रहा है। उस पत्र में CCG ने PM से देश में भाजपा शासित राज्यों की ‘नफरत की राजनीति को खत्म’ करने की अपील की थी।
यह लोग PM के लिए जनता की राय बदलना चाहते हैं
शनिवार को पत्र लिखने वाली हस्तियों ने कहा है कि CCG की चिट्ठी उस हताशा का परिणाम है, जो हालिया विधानसभा चुनावों में PM मोदी के प्रति एकजुटता दिखाते हुए सामने आया है। उनका कहना है कि ऐसे लोग खुद को ऐसा दिखाते हैं कि वह समाज के हित के लिए काम कर रहे हैं, जबकि वह हकीकत में मोदी सरकार विरोधी हैं और जनता की राय को सरकार के खिलाफ बदलना चाहते हैं।
यह अपनी असफलता छिपाने का तरीका
पत्र में कहा गया है कि यह उनके लिए अपनी असफलता छिपाने का तरीका है। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद जब हिंसा हुई तो CCG ने चुप्पी क्यों साधी थी? यह उनके निंदक और अनैतिक नजरिए को उजागर करता है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और देश की जनता से आग्रह करते हैं कि वे CCG के बहकावे में न आए और राष्ट्र की एकता व अखंडता को बनाए रखते हुए उन्हें बेनकाब करे।
26 अप्रैल को लिखा था CCG ने लैटर
26 अप्रैल को 108 नौकरशाहों ने PM मोदी को एक खुला पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने उम्मीद जताई है कि PM ‘नफरत की राजनीति’ को खत्म करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने लिखा था कि पिछले कुछ सालों में भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यक समुदायों और मुसलमानों को निशाना बनाया गया है, जो सही नहीं है। संविधान को ताक पर रखकर जिस तरह चीजें हो रही हैं, उनसे हम परेशान हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि इतने बड़े सामाजिक खतरे के सामने आपकी चुप्पी ठीक नहीं है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के आपके वादे को दोहराते हुए हम आपसे अपील करते हैं कि अपनी चुप्पी को तोड़िए।
इस पत्र को लिखने वाले समूह में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टीकेए नायर जैसे नाम शामिल थे।
भाजपा ने दिया था पत्र का करारा जवाब
भाजपा ने दो दिन पहले इन 108 नौकरशाहों के पत्र का करारा जवाब दिया था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि पूर्व नौकरशाह झूठी जानकारी फैला रहे हैं और देश में अविश्वास का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।