*आर डी आनंद
कोपरनिकस ने
सबसे पहले सवाल किया था
उसे देश छोड़ कर भागना पड़ा
ब्रूनो ने
जोरदार सवाल किया
उसे जिंदा जला दिया गया
गैलीलियो ने
सवाल उठाया
उसे फाँसी की सजा सुनाई गई
जूलियस फ़्यूचीक ने
विरोधात्मक सवाल किया
उसे फाँसी दी गई
बिस्मिल, लाहड़ी,
रोशन, अशफाक
भगत सिंह, सुखदेव,
राजगुरु खुद सवाल बन गए
उन्हें भी फाँसी दी गई
दाभोलकर सवाल थे
पानसरे सवाल थे
कलबुर्गी सवाल थे
गौरी लंकेश सवाल थी
सब मारे गए
आम्बेडकर
आज भी उनकी छाती पर सवाल हैं
सुधा भारद्वाज, वरवरा राव,
गोंजाल्विस, गौतम नवलखा,
आनंद तेलतुंबड़े, रतन लाल
सवाल ही सवाल हैं
निर्देश सिंह सवाल हैं
आर डी आनंद भी सवाल हैं
सवाल न होता
तो दिन न होता
रात न होती
सुबह न होता
शाम न होती
हम न होते
आप न होती
हर तरफ सवाल है
कि इंकलाब चाहिए
इंकलाब ज़िंदाबाद
ज़िंदाबाद इंकलाब।
*आर डी आनंद*