अग्नि आलोक
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Agnipath का विरोध: युवाओं का आक्रोश,विपक्ष का वार,डैमेज कंट्रोल मोड में गई सरकार

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भारतीय सेना (Indian Army) में भर्ती के लिए लाए गए अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं में आक्रोश का महौल है. बिहार-यूपी से लेकर हरियाणा-उत्तराखंड तक में इस योजना को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखा जा रहा है. बिहार के छपरा में आक्रोशित युवाओं ने ट्रेन में आग लगा दी, तो वहीं हरियाणा के पलवल में डीसी कैंप में जमकर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर कहां-कहां विरोध प्रदर्शन हुआ?

अग्निपथ’ पर बिहार

बिहार में अग्निपथ की योजना को लेकर सबसे ज्यादा विरोध देखा जा रहा है. सेना में नौकरी की तैयारी कर रहे युवा सड़कों (Protest against Agnipath) पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कहीं रेल रोकी जा रही है, तो कहीं टायर जलाकर सड़कों को जाम किया जा रहा है. बिहार के कैमूर में ट्रेन में ही आग लगी दी गई.

वहीं, बिहार के नवादा जिले में बीजेपी कार्यालय को युवाओं ने गुरुवार दोपहर 12 बजे आग के हवाले कर दिया. घटना में फर्नीचर समेत अन्य सामान जल गए और कार्यालय को काफी नुकसान पहुंचा है. बीजेपी जिलाध्यक्ष संजय कुमार मुन्ना ने बताया कि कागजात आदि जलाए गए हैं. तोड़फोड़ के बाद आग लगाई गई, लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ है.

बिहार के नेताप्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि ठेकेदारी प्रथा के तहत संविधान प्रदत्त आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है. रेलवे और लेटरल एंट्री में ऐसा ही हो रहा है. अग्निपथ योजना के तहत बीजेपी और संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों एवं घृणा से लैस लोगों व Fringe elements को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाने को आतुर हैं.

वहीं, राज्यसभा सांसद मनोज झा ने लिखा कि युवा प्रतिरोध पूरे बिहार के पश्चात अब उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड तक पहुंच चुका है. रोज़गार और नौकरी की आस लगाये युवावर्ग को ‘चार साल संविदा काल’ के खोखले नारों से बरगला नहीं सकते और मीडिया प्रबंधन का कौशल भी काम नहीं आएगा. ये FarmersProtest का क्षण है.

उत्तर प्रदेश में भी सड़क पर नौजवान

यूपी के अंबेडकर नगर जिले में भी बड़ी संख्या में युवाओं ने इस योजना का विरोध किया. अग्निपथ योजना का विरोध देशभर के कई इलाकों में हो रहा है.

राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि न कोई रैंक, न कोई पेंशन न 2 साल से कोई direct भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान. देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनिए. इन्हे ‘अग्निपथ’ पर चला कर इनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी.

हरियाणा में पुलिस फायरिंग, युवाओं का थाने पर पथराव

हरियाणा के पलवल (Palwal) में भी आर्मी की तैयारी कर रहे नौजवानों ने अग्निपथ योजना का विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी नौजवानों ने NH-19 पर टायरों में आग लगाकर हाई-वे जाम कर दिया. इतना ही नहीं अग्निपथ योजना के लागू होने से गुस्साए नौजवानों ने डीसी कैंप ऑफिस को घेर लिया और पथराव करने लगे. इसके जवाब में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए फायरिंग भी की.

हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ट्वीट कर कहा कि सेना भर्ती के लिये बनायी गयी नयी अग्निपथ पॉलिसी से देशभर के नौजवानों में मायूसी है. ये न तो देश हित में है, न ही नौजवानों के हित में है. सरकार से अनुरोध है कि इसपर पुनः विचार करे और इसे तर्कसंगत बनाते हुए 4 साल बाद बाद सेना से निकले जवानों को स्थायी जॉब देने की नीति लेकर आए.

अग्निपथ योजना को लेकर उत्तराखंड में भी बवाल

देवभूमि उत्तराखंड में भी अग्निपथ को लेकर बबाल मचना शुरू हो गया है. देहरादून में युवाओं ने घंटाघर से लेकर परेड ग्राउंड तक जुलूस निकाल कर अपना विरोध दर्ज करवाया. राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में सैकड़ों युवाओं ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का पुरजोर विरोध किया.

विरोध के बीच सरकार ने रखा अपना पक्ष

अग्निपथ योजना से नाराज युवाओं को बताने के लिए सरकार ने गुरुवार को इस योजना से संबंधित कुछ मिथकों को दूर करने का प्रयास किया. सरकार ने दावा किया कि योजना के लाभार्थियों के रूप में अग्निवीर का भविष्य सुरक्षित है, एक सरकारी बयान में कहा गया है कि जो लोग उद्यमी बनना चाहते हैं, उन्हें वित्तीय पैकेज और बैंक ऋण मिलेगा.

10वीं पास अग्निवीरों को 12वीं पास का सर्टिफिकेट

सरकार की तरफ से कहा गया कि आगे की पढ़ाई के इच्छुक लोगों के लिए कक्षा 12 के समकक्ष प्रमाणपत्र और ब्रिजिंग कोर्स दिया जाएगा, जो कोई भी नौकरी पाना चाहता है, उसे सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना के माध्यम से उनके लिए अन्य क्षेत्रों में भी कई रास्ते खोले जा रहे हैं.

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