बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के बीच गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके संकेत साफ दिखने लगे हैं। दोनों दलों में तलवारें खिंच गई हैं। पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर हमलावर हैं। अग्निपथ स्कीम के बवाल के बीच ये कड़वाहट खुलकर सामने आ गई है। बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेताओं की आपस में बयानबाजी शुरू हो गई है। आरएसएस के मुखपत्र में नीतीश कुमार के सुशासन की पोल खोलने वाले बड़े-बड़े लेख छपने लगे हैं। देश के ताजा हालात में जिस तरह दोनों पार्टियां उलटी दिशा में चल रही हैं, उनसे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि दोनों के रिश्ते अपने अंतिम पड़ाव पर हैं।
RSS के मुखपत्र में नीतीश के सुशासन की उड़ रही धज्जियां
करीब एक हफ्ते पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र कहे जाने वाले ऑर्गनाइजर में नीतीश कुमार के सुशासन की धज्जियां उड़ाने वाला लेख छपा था। इस लेख में नीतीश कुमार सरकार की जमकर तीखे शब्दों में आलोचना की गई। उसे स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून, रोजगार सृजन सहित तमाम मोर्चों पर नाकाम बताया है। लेख में पिछले 17 साल के शासन का जिक्र करते हुए लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में नीतीश सरकार को पूरी तरह विफल बताया गया है। इसके समर्थन में आंकड़ों का अंबार रख दिया गया है। फिर चाहे वो शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक विकास का क्षेत्र हो या कानून-व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और पलायन का। विकास के तकरीबन सभी मोर्चों पर उसे कटघरे में खड़ा कर दिया गया है।
इस लेख को छपे कुछ समय ही बीता होगा कि केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम लॉन्च करने का ऐलान कर दिया। स्कीम की घोषणा होते ही देशभर में इसके विरोध में युवाओं का प्रदर्शन तेज हो गया। लगातार चार दिनों से ये प्रदर्शन बदस्तूर जारी हैं। इसकी सबसे ज्यादा तपिश बिहार में ही महसूस की गई है। राजधानी पटना से लेकर राज्य के तमाम शहरों में स्कीम के विरोध में जोरदार बवाल कटा है। अग्निवीर बनाने की मंशा रखकर जिन युवाओं के लिए केंद्र सरकार अग्निपथ स्कीम लाई थी, उन्होंने विरोध में ट्रेनें फूंक डालीं। बसों को जला दिया। लूटपाट की। बेशक, स्कीम में खामियां हो सकती हैं। लेकिन, देश की सार्वजनिक संपत्तियों को फूंक डालने से किसका भला होगा।
एक-दूसरे के खिलाफ जुबानी जंग पर उतरे नेता
इस स्कीम के विरोध के बीच बिहार बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेताओं के बीच तलवारें खिंच गई हैं। वो एक-दूसरे पर हमला करने में जुट गए हैं। बिहार में बीजेपी के कई नेताओं पर उपद्रवियों ने हमला बोला। इस पर राज्य बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार पुलिस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब पार्टी के नेताओं को उपद्रवियों ने निशाना बनाया तो पुलिस देखती रही। इसके लिए जायसवाल ने सीधे तौर पर नीतीश कुमार को घेरा।
दरअसल, संजय जायसवाल के आवास पर भी उपद्रवियों ने हमले किए थे। इसे लेकर उन्होंने कहा कि उनके घर को उड़ाने की साजिश थी। उन्होंने उपद्रवियों पर एक्शन नहीं लेने पर पुलिस प्रशासन को घेरा। कहा कि इस मामले में जैसी कार्रवाई प्रशासन को करनी चाहिए थी, वैसे नहीं की गई। उन्होंने युवाओं से अपील भी की। कहा कि वो किसी भी बहकावे में न आएं।
बीजेपी के आरोप पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार किया। इस पलटवार की भाषा ऐसी थी जिसे बोलने में प्रतिद्वंद्वी दल भी कतराते हैं। ललन सिंह ने जवाब में कहा कि संजय जायसवाल मानसिक संतुलन खो चुके हैं। भला प्रशासन संजय जायसवाल को क्यों टारगेट करेगा।
दोनों पार्टियों के नेता जिस तरह एक-दूसरे पर हमले करने में लगे हैं वो दिखाता है कि देर-सवेर बीजेपी-जेडीयू का रिश्ता खत्म होने वाला है। हाल में तकरीबन हर मुद्दे पर दोनों की असहमति और नेताओं की तीखी बयानबाजी से माहौल उसी दिशा में बन रहा है। सिर्फ देखने वाली बात रह गई है कि इसका औपचारिक ऐलान कब होता है।