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 एकनाथ ! क्या बीजेपी ने शिंदे को हिंदुत्व का ज्यादा दमदार चेहरा माना है

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चंद्रशेखर शर्मा

वाकई यह बड़ी खबर थी और खटकने वाली भी ! कल हुआ यह कि देवेंद्र फडणवीस पहले ही कह चुके थे कि वो सरकार में नहीं रहेंगे ! उधर, तमाम न्यूज चैनल उसके बजाय इस खबर से अचंभे में थे कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री होंगे। दरअसल किसी को भी सूझ नहीं पड़ रहा था कि वो कौन जादूगर है, जिसने हैट से यह कबूतर निकाला है ?

हर चैनल पर उसकी तलाश थी और फैसले के पीछे की असली वजह को लेकर अटकलें और अनुमान न्यूज चैनलों की स्क्रीन पर छाए हुए थे। तभी ‘आज तक’ पर वो बड़ी और खटकने वाली खबर फ्लैश हुई। बताया गया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कह रहे हैं कि देवेंद्र फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बनना चाहिए !

चूंकि फडणवीस पहले ही सरकार से बाहर रहने का ऐलान कर चुके थे लिहाजा नड्डा के बयान से यही जाहिर हुआ कि भाजपा में कुछ तो गड़बड़ थी। अलबत्ता गड़बड़ क्यों हुई, इसको लेकर भी केवल अटकलें और अनुमान ही लगाए जा सकते हैं। जो हो। हकीकत यही है कि अब पचास विधायक वाली ‘शिव सेना’ की पार्टी का मुख्यमंत्री बना है और सौ से ज्यादा विधायक वाली उसकी सहयोगी भाजपा का उप मुख्यमंत्री। हां, एकनाथ को सीएम बनाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं और होंगे भी।

यहां हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महाराष्ट्र में सिर्फ एक सरकार ही नहीं गिरी है, बल्कि यहां एक पार्टी में दोफाड़ भी हुई है ! जी हां, इस पूरे प्रकरण में शिवसेना की विरासत की छीन-झपट भी सरकार की अदला-बदली जितनी ही अहम है। सो एकनाथ शिंदे यदि उप मुख्यमंत्री बनाये जाते तो अपनी जिस शिवसेना को वो असली बताते हैं, उसको उतना दम और ताकत नहीं मिलती। उलटे उन पर यह आरोप लगता कि उन्होंने शिव सेना से गद्दारी तो की ही, नमकहरामी भी की। गद्दारी यह कि शिवसेना के मुख्यमन्त्री को कुर्सी से उतार दिया। नमकहरामी यह कि उध्दव खुद उनको मुख्यमंत्री बनाने को तैयार थे, लेकिन वो उधर जाकर सिर्फ उप मुख्यमंत्री बनकर राजी हो गए !

शिंदे को सीएम बनाने में यह मुम्बई और महाराष्ट्र के तमाम शिव सैनिकों के लिए एक तरह के सम्मान भाव का संदेश भी है। यहां जान लें कि शिव सेना दरअसल भावनाओं से संचालित होने वाला दल या संगठन है। उसमें बगावत के इस घटनाक्रम से शिवसैनिक आहत भी थे और आक्रोशित या नाराज भी। फिर संजय राउत आदि ने भी उन्हें भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सो एकनाथ के रूप में एक शिव सैनिक को मुख्यमंत्री बनाने से उन शिव सैनिकों की भावनाओं को संबल मिलेगा और उनकी नाराजगी दूर होगी। इसी के साथ बतौर मुख्यमंत्री शिंदे के साथ वाली शिव सेना अब ठाकरे वाली शिव सेना के मुकाबले अधिक दमदार, ताकतवर और शिव सैनिकों के लिए ज्यादा लुभावनी होगी। अगले चुनाव में अभी करीब ढाई साल है। क्या पता तब तक ठाकरे की शिव सेना में केवल उनका परिवार ही शेष रहे।

सवाल यह है कि क्या बीजेपी आलाकमान ने फडणवीस के मुकाबले शिंदे को हिंदुत्व का ज्यादा मुखर और दमदार चेहरा माना है और क्या केवल इसलिए शिंदे को सीएम बनाया है ? यदि यह बात सही है तो हो सकता है उन्हें इस शर्त पर सीएम बनाया गया हो कि वो महाराष्ट्र में आदित्यनाथ योगी स्टाइल में शासन करेंगे ! यह वो रणनीति है जिससे शिंदे को उध्दव ठाकरे और उनकी शिव सेना को महाराष्ट्र में अप्रासंगिक बनाने में खासी मदद मिलेगी और साथ ही उनकी खुद की शिवसेना तेजी से और ज्यादा मजबूत होगी। सब जानते हैं कि हिंदुत्व को पसंद करने वालों को योगी स्टाइल का शासन खूब पसंद आ रहा है !
चंद्रशेखर शर्मा

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