अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

भूपेश की भय, लूट और झूठ वाली सरकार से कब मिलेगी छत्तीसगढ को मुक्ति?

Share

भूपेश की करीबी सौम्या चौरसिया आयकर छापों के बाद सीधे पहुंची कैबिनेट बैठक में*

*क्या भूपेश की चांडाल-चौकड़ी में पड़ गयी है फूट, सूर्यकांत को किया चौकड़ी से बाहर?*  

विजया पाठक*

आयकर विभाग के छापों के बाद छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार वापस पुराने ढर्रे पर आ गई है। फिर से वही भय, लूट और झूठ का कॉकटेल बनाकर आम छत्तीसगढ़िया को दिया जाने लगा है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी अफसरों के यहां आयकर और ईडी ने छापामार कार्यवाही की। इस कार्यवाही में बघेल के करीबी अफसरों में शामिल सौम्या चौरसिया के यहां से करोड़ों रुपये के आय से जुड़े दस्तावेज ईडी और आयकर विभाग के हाथ लगे। बावजूद बघेल और उनके भ्रष्टाचारी करीबियों के चेहरे पर कोई शिकन तक नहीं है। भूपेश उनकी चौकड़ी को अब किसी बात की शर्म ही नहीं बची है। खासतौर पर इतने व्यापक छापों के बाद। दिखावे के लिए ही सही कम से कम कुछ दिन तक अपनी प्रियतम उप-सचिव का सरकार के साथ जुड़ाव नहीं दिखाते। यहां तक की राज्य सरकार ने भी इन दोषियों पर कार्यवाही करने के बजाय इन्हें अपने दरबार में बैठाना शुरू कर दिया है। ताजा मामला हाल ही में छत्तीसगढ़ में हुई कैबिनेट बैठक का है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर भूपेश बघेल ऐसा क्यों कर रहे हैं, क्यों वो सौम्या चौरसिया के ऊपर कोई कार्यवाही करने के बजाय उन्हें कैबिनेट बैठक में शामिल होने की इजाजत दे सकते हैं। बल्कि बघेल को चाहिए यह कि उन्हें तत्काल प्रभाव से सौम्या चौरसिया को पद से निष्कासित करते हुए जांच पूरी होने तक कैबिनेट सहित मुख्यमंत्री सचिवालय से दूर रखना चाहिए। सूत्रों के अनुसार सौम्या चौरसिया के ऊपर भूपेश बघेल की मेहरबानी का एक नहीं कई कारण है। पहला और सबसे बड़ा कारण यह है कि सौम्या चौरसिया बघेल की सबसे करीबी अफसर मानी जाती हैं। उनके कहने पर ही राज्य के अंदर अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग की सूची तैयार होती है। अफसरों से मिलने वाले करोड़ों रुपये के लेनदेन की मालकिन भी सौम्या चौरसिया ही है। ईडी की कार्यवाही के दौरान मिले दस्तावेजों में भूपेश बघेल भी संदिग्ध बताए जा रहे हैं।

*क्या मुख्य सचिव से ऊपर है उपसचिव मेडम*

बताया जा रहा है कि राज्य के भीतर सौम्या चौरसिया का पद उपसचिव का है। लेकिन उनकी पहुंच और उनके पावर मुख्यसचिव से कम नहीं है। वास्तविकता यह है जिले का कोई कलेक्टर, एसपी, विधायक या मंत्री का काम करने के पहले अफसरों को मेडम से बातचीत करना जरूरी होता है। कोई भी अधिकारी अपनी मर्जी से कोई फैसला लेने के बारे में सोच ही नहीं सकता। यहां तक कि मुख्य सचिव से ऊपर उपसचिव मेडम को बताया जा रहा है। भूपेश की चौकड़ी ने पूरे प्रदेश को घेरे रखा है ना कोई मंत्री, विधायक या पीसीसी अध्यक्ष किसी की भी उनके आगे नहीं सुनी जाती है। वैसे वास्तविकता तो छत्तीसगढ़ की यही है की जिले का कोई कलेक्टर एसपी, विधायक या मंत्री का काम करने से पहले मैडम से पूछेगा। यह बात वैसे बहुत छोटी दिखती है पर इस समय यह तस्वीर छत्तीसगढ़ की असलियत बायां कर रही है। खैर चुनाव तो संगठन ही जीतवाता है उप-चुनाव की जीत सें कोई मुगालते में ना रहे याद रहना चाइए पिछले लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अपनी सीट भी हार चुके हैं। खैर अभी तो फिलहाल मामला चुनाव तक खींचता भी है या नही वो देखने की बात है। 

*जनता से लेकर पत्रकार तक सिर्फ अत्याचार*

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस अत्याचारी और जालिम सरकार ने किसी को नहीं छोड़ा है। सत्ता के मद में चूर भूपेश बघेल और इनके चौकड़ी के लोगों की हरकतों से जनता से लेकर पत्रकार तक सभी पीड़ित हैं। पिछले दिनों ही छत्तीसगढ़ राज्य के घोटाले से जुड़ी एक खबर चलाने के बाद मुख्यमंत्री और मेडम के इशारे पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपनी ताकत का दुरपयोग करते हुए बगैर दूसरे राज्य की पुलिस को सूचना दिये ही एक टीवी चैनल के एंकर को गिरफ्तार करने नोएडा पहुंच गई। इस पूरे मामले में एनडीवी चैनल ने एक विशेष रिपोर्ट तैयार की जिसमें इस चौकड़ी के सदस्यों में विनोद वर्मा की गिरफ्तारी की बात उठाई है। आपको बता दूं कि यह विनोद वर्मा वही हैं जो राजेश मूणत सीडी कांड के मास्टरमाइंड थे और इन्हीं के इशारे पर भाजपा नेता को सीडी कांड में फंसाया गया था। विनोद वर्मा के मामले में रायपुर पुलिस केस के गवाह को ओडिसा से उठा लाई। इस केस में जिस तरह सारे गवाहों को होस्टाइल किया जा रहा है उससे सरकार सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना पड़ा है। राज्य की भूपेश बघेल सरकार का अत्याचार इस कदर हावी हो गया है कि सरकार के घोटालों की खबर को प्रकाशित या प्रसारित करने वाले पत्रकारों पर कार्यवाही से पीछे नहीं हटती। आजतक के पूर्व पत्रकार को सैनिटाइजर पिलाया गया वहीं, दूसरी तरफ राज्य की पुलिस नान घोटाले के मुख्य अभियुक्त को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिल गई तब तक गिरफ्तार करने की जगह उनका संरक्षण करती दिखी। अब इसी तरह के संरक्षण और सुरक्षा की तैयारी भूपेश बघेल की करीबी सौम्या चौरसिया को है। सूत्रों के मुताबिक अब केंद्रीय एजेंसी को बंगलौर कनेक्शन और मनी ट्रेल की जानकारी मिल गई। आज दिन भर छत्तीसगढ़ में सूर्यकांत एपिसोड चला। खैर सूर्यकांत तिवारी किसी का भी हो पर पूरे मनी ट्रेल और सुपर सीएम का मुख्य सूत्रधार तो वही है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें