वाराणसी: एक ओर ओम प्रकाश राजभर अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर लगातार उपचुनाव में हार पर तंज कस रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी अपनी ही पार्टी के पुराने करीबी लोग उनका साथ छोड़ कर जा रहे हैं। ओम प्रकाश राजभर के प्रतिनिधि और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पूर्व प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने अब ओम प्रकाश राजभर का दामन छोड़कर खुद की पार्टी बना ली। इतना ही नही शशि प्रताप सिंह पार्टी छोड़ने के साथ ही सैकड़ो पुराने कार्यकर्ताओ को भी अपने साथ ले गए है।
राजभर प्रदेश के सबसे बड़े झूठे और पुत्र मोह में बन चुके हैं धृतराष्ट्र- शशि प्रताप सिंह
ओम प्रकाश राजभर के सबसे पुराने और सबसे विश्वस्त सहयोगी शशि प्रताप सिंह ने सोमवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान किया। राष्ट्रीय समता पार्टी का ऐलान करते ही वह पूरी तरह से ओम प्रकाश राजभर पर हमलावर नजर आए। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को प्रदेश का सबसे झूठा व्यक्ति करार दिया। साथ ही शशि प्रताप सिंह ने कहा कि उनके संपर्क में कई विधायक भी हैं, जो उनके साथ आएंगे। शशि प्रताप सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को धृतराष्ट्र तक की संज्ञा दे दी और कहा कि पुत्र मोह में ओम प्रकाश राजभर धृतराष्ट्र बन चुके हैं। आज तो बस शुरुआत हुई है, अभी पूरी फिल्म दिखाना बाकी है। सोमवार को सुभासपा के कई पदाधिकारी और सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने भी ओपी राजभर का साथ छोड़ दिया।
विधानसभा चुनावों से लेकर ज्ञानवापी मामले तक सुर थे अलग
2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपुर सीट सपा गठबंधन के तहत सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते में आई थी। इस सीट से बीजेपी के अनिल राजभर के खिलाफ शशि प्रताप सिंह खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन ओम प्रकाश राजभर ने इस सीट से अपने बेटे अरविंद राजभर को गठबंधन का उम्मीदवार बनाया था। चुनाव के दौरान ही ओम प्रकाश राजभर और अरविंद राजभर की ओर से शशि प्रताप सिंह की जबरदस्त अनदेखी की गई। इस बात से शशि प्रताप लगातार नाराज चल रहे थे। मई के महीने में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शशि प्रताप सिंग ने एक बयान हिन्दू पक्ष को समर्थन में दिया था, जिसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने शशि प्रताप सिंह को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया था, तभी से शशि प्रताप सिंह के बारे में पार्टी छोड़ने के कयास लागये जा रहे थे।