पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के सनसनीखेज दावे के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर भाजपा ने भी हमला बोला। भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई सवाल पूछे। उनसे पाकिस्तानी पत्रकार को पांच बार भारत बुलाने पर सवाल पूछा गया। अब एक बयान जारी करके अंसारी ने इन सारी बातों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने कभी नुसरत मिर्जा को भारत बुलाया और न ही वह उनसे मिले।
अंसारी ने कहा कि मीडिया का एक धड़ा और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मेरे बारे में झूठ फैला रहे हैं कि उपराष्ट्रपति रहते हुए मैंने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को बुलाया था। मेरे बारे में कहा जा रहा है कि नई दिल्ली में आयोजित आतंकवाद पर एक कॉन्फ्रेंस मैं नुसरत से मिला था। यह भी कहा जा रहा है कि ईरान में राजदूत रहते हुए मैंने देश के साथ गद्दारी की। सभी जानते हैं कि सरकार की सलाह पर ही विदेशी एक्सपर्ट्स को बुलाया जाता है।
उन्होंने बयान में कहा, ‘मैंने 11 दिसंबर 2011 को आतंकवाद पर कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया था। जिन लोगों को बुलाया गया था उनकी लिस्ट आयोजकों द्वारा ही बनाई गई थी। मैंने न तो उन्हें कभी बुलाया और न ही मुलाकात की।’
अंसारी ने कहा, ईरान में राजदूत के तौर पर मेरा काम सरकार की जानकारी में रहता था। मैं देश की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हूं और ऐसे मामलों में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बचता हूं। भारत सरकार के पास इस मामले में सारी जानकारी है और वही सच बताने के लिए अधिकृत है। तेहरान में राजदूत रहने के बाद मैं यूएन में भारत का स्थायी प्रतिनिधि बना था और मेरे काम के बारे में सबको जानकारी है।
पाकिस्तानी पत्रकार ने क्या कहा था?
पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने दावा किया था कि 2005 से 2011 के बीच वह पांच बार भारत गए। दावा है उन्हें उस वक्त के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक कॉन्फ्रेंस में बुलाया था। उन्होंने यूट्यूबर से बात करते हुए कहा था कि भारत दौरे के समय उन्हें विशेष छूट मिलती थी। वह सात शहरों में जा सकते थे। वह भारत से सूचनाएं इकट्ठा करके आईएसआई को दिया करते थे।