फिर मत कहना
मेरे कबीले के लोगों
कि मैंने तुम्हें
नहीं किया था आगाह
कि तुम नहीं जानते
उसके पास है
ब्लैकहोल की आनुवंशिकता !
बड़ी भयानक है
उसकी आकर्षण शक्ति
वह कुछ भी
ऐसा नहीं छोड़ेगा
तुम्हारे पास
जिसे तुम कह सको अपना !
वह छीन लेगा तुमसे
तुम्हारे शब्द, भाषा, साहित्य, संस्कृति
देवी देवता भी
यहाँ तक कि तुम्हारे पितृपुरुष भी !
तुम्हारे अपने बाप को भी
बना लेगा अपना बाप
और सिद्ध भी कर देगा
गुणसूत्रों के आधार पर
सजा लेगा बना कर मूर्ति
अपने आंगन में !
बेहतर है दूर ही रहो
बहुत दूर ……….!
उसके परिपथ से
वर्ना कर लेगा
तुमको भी आत्मसात !
फिर मत कहना मेरी बिरादरी के लोगों
कि मैंने तुम्हें
चेताया नहीं था !
सुप्रसिद्ध दार्शनिक कवि रामकिशोर मेहता, अहमदाबाद, गुजरात, संपर्क - 919408230881, ईमेल - ramkishoremehta9@gmail.com
संकलन -निर्मल कुमार शर्मा, '