*42 करोड़ के फर्जी बैंक चालान के बाद, 05 करोड़ 40 लाख 10 हजार की फर्जी बैंक FD से शासन को लगाया चूना*
*(राजेन्द्र के.गुप्ता )*
*अपने आपको काबिल और जादूगर समझने वाले आबकारी अफसरों का ये कैसा कार्य अनुभव ? दूसरी बार खाया करोड़ों का धोखा*
*वर्ष 2015 से 2017 तक फर्जी बैंक चालान जमा होते रहे, (ना)काबिल आबकारी AC 42 करोड़ की शराब देते रहे, अब फिर विभाग का माल खा कर भागा ठेकेदार*
*तीन महीने पहले हमने चेता दिया था, फिर भी माल देते रहे*
*ठग लाइसेंसियों से अफसरों को इतना प्यार क्यों ? लायसेंस निरस्त नही किया, ब्लैक लिस्टेड नही किया*
*07 हजार को 70 लाख किया, 47 हजार 100 को 04 करोड़ 70 लाख 10 हजार किया अफसरों ने मुस्कुरा कर रख ली FD*
*ये हिसाब भी सामने नही आया है कि आबकारी अफसरों को चूना लगा कर भागने वाला लायसेंसी विभाग से कितनी राशि की दारू लेकर बेच खाया है*
वर्ष 2015 से 2017 में तत्कालीन इंदौर आबकारी एसी संजीव कुमार दुबे के नेतृत्व और संरक्षण में हुए 42 करोड़ के बैंक चालान फर्जीवाड़े की राशि अब तक वसूली नही गई है, कुछ आरोपियों की जिन सम्पत्तियों की नीलामी आबकारी विभाग ने निकाली थी, उनमे से कई सम्पत्तियों को बैंक नीलाम करके, अपने लोन की राशि वसूल चूका है, विभाग के हाथ ठन ठन गोपाल ही है | आबकारी विभाग के नाकाबिल अफसरों ने विज्ञप्तियों पर शासन का अतिरिक्त पैसा खर्च कर दिया, पुलिस और तहसीलदार पर वसूली का बोझ डाल दिया |
दोनों फर्जीवाड़े में ADEO राजीव ने FIR दर्ज करवाई –
*भागने के बाद सत्यापन -*
राजनारायण सोनी आबकारी एसी इंदौर ने दिनांक 02/08/2022 को आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के वरिष्ठ मैनेजर को पत्र लिखा जिस पर बैंक के मैनेजर का जवाब मिला तो आबकारी अफसरों की होशियारी हवा में उड़ गई….