*इंदौर। लहसुन उत्पादन कर पूरे मालवा निमाड का किसान अपने किस्मत को रो रहा है और सरकार तथा उसके मंत्रियों को कोस रहा है । कई बार मांग करने और ज्ञापन देने के बावजूद भी लहसुन के भाव नहीं मिलने से किसान अपनी फसल नालों में बहाने को मजबूर है। कल माता बरोडी केे किसान विकाश सिसोदिया ने अपनी 70 कट्टे लहसुन नाले में बहा दी।*
मध्यप्रदेश में कई जगह किसानों ने सैकड़ों क्विंटल लहसुन नालों में बहा दी है। कल भी ऐसी ही घटना इंदौर के सांवेर तहसील में घटित हुई यहां के गांव माता बरोडी के किसान विकाश पिता प्रकाश सिसोदिया ने अपनी उत्पादित लहसन का दाम नहीं मिलने से परेशान होकर करीब 70 कट्टे लहसुन गांव के समीप के नाले में बहा दी ।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि सरकार से कई बार मांग करने धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन देने के बावजूद भी सरकार और उसके मंत्री किसानों को भ्रम में रखने की कोशिश कर रहे हैं। बार-बार कहा जा रहा है की लहसुन के भाव ठीक से किसानों को मिले इसके लिए निर्यात खोला जाएगा । लेकिन वादा करे को भी 3 महीने होने के बावजूद अभी तक ऐसी कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।

मंडियों में लहसुन 50 पैसे से ₹1 किलो तक बिक रहा है ,जबकि उसकी लागत ही ₹2000 कुंतल है । परेशान किसानों के लिए अब लहसुन मंडी तक लाना तो दूर उसका भंडारण कर रखना भी मुश्किल हो गया है। जिसके चलते किसान नालों में बहाकर लहसुन नष्ट कर रहा है। ऐसी घटना कल माता बरोडी मैं भी घटित हुई और वहां के किसान विकाश सिसोदिया एवं उनके अन्य परिजनों ने अपनी उत्पादित लहसुन नाले में बहा दी ।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि यदि वे सही में किसान हितेषी मुख्यमंत्री हैं तो इंदौर जिले के पीड़ित 186 किसानों का भुगतान 2 करोड़ 75 लाख रुपए मंडी निधि से किसानों के खातों में डालें तथा किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने का प्रयास करें लहसुन पर भी भावांतर की राशि किसानों के खाते में डाले साथ ही आप ने कहा है कि झूठी घोषणाएं करने के बजाय पूर्व की बकाया भावांतर राशि भी जल्द से जल्द भुगतान करें ।