एस पी मित्तल,अजमेर
12 सितंबर को जब अजमेर में भाजपा नेता पेयजल की किल्लत को लेकर जलदाय विभाग पर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चौमू में आयोजित एक समारोह में कहा कि बीसलपुर बांध का पानी जल्द ही चौमू के नागरिकों को मिलने लगेगा। चौमू जयपुर शहर से सटा हुआ उपखंड है। बीसलपुर बांध का पानी जयपुर के अधिकांश शहरी क्षेत्रों में पहुंचने के बाद अब जयपुर से सटे बड़े उपखंडों में भी पहुंचाया जा रहा है। वहीं अजमेर में पेयजल की किल्लत बनी हुई है। अजमेर में पेयजल की किल्लत का मुख्य कारण बीसलपुर की तृतीय चरण की योजना स्वीकृत नहीं होना है। बीसलपुर बांध से लेकर केकड़ी तक पुराने जमाने के सीमेंट के पाइप बिछे हुए हैं। इसी प्रकार केकड़ी से लेकर नसीराबाद तक भी पुरानी पाइप लाइन है। तृतीय चरण की योजना में पाइप को बदलने का काम होना था। लेकिन यह योजना अभी तक भी स्वीकृत नहीं हुई है। पिछले कुछ दिनों में देवली और केकड़ी के बीच सीमेंट की पाइप लाइन बार बार टूट रही है, जिसकी वजह से अजमेर शहर में पेयजल की किल्लत हो रही है। असल में राजनीतिक दृष्टि से जयपुर के नेता दमदार है और अजमेर के नेता कमजोर। आज भाजपा के नेता भले ही पेयजल किल्लत के लिए कांग्रेस सरकार को दोषी ठहरा रहे हों, लेकिन सच्चाई यह है कि तृतीय चरण की योजना की मंजूरी भाजपा के शासन में भी नहीं हुई। यह सही है कि बीसलपुर बांध में पर्याप्त मात्रा में पानी है। लेकिन पाइप लाइन टूटने के कारण मांग के अनुरूप बांध से पानी नहीं लिया जा रहा है। जलदाय विभाग के इंजीनियरों ने पुराने पाइप लाइन बदलने का प्रस्ताव कई बार राज्य सरकार को भिजवा दिया है, लेकिन आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जब तक पाइप लाइन नहीं बदली जाएगी, तब तक अजमेर में पेयजल की समस्या बनी रहेगी। कई बार विद्युत विभाग द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर भी सप्लाई बंद कर दी जाती है, जिसकी वजह से पेयजल की किल्लत होती है। जहां तक अजमेर शहर के वैशाली नगर, फॉयसागर रोड, पंचशील आदि क्षेत्रों में मौजूदा पेयजल किल्लत का सवाल है तो इन इलाकों को सप्लाई का अंतिम छोर माना जाता है। जब पानी की कमी होती है तो ये इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। अजमेर शहर में 282 जोन हैं। इनमें से 250 जोन में 48 घंटे में पेयजल की सप्लाई हो रही है। अंतिम छोर वाले जोन में इन दिनों तीन या चार दिन में पानी की सप्लाई हो रही है।