अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

 लाक्षागृह बना दुर्गा पंडाल …..त्योहार की खुशियां मातम में बदल गईं

Share

भदोही: देश के प्रमुख राजमार्गों में शुमार ग्रैंड ट्रंक रोड उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों प्रयागराज और वाराणसी से होकर गुजरता है। इन दोनों बड़े और महत्वपूर्ण जिलों के बीच में भदोही जिला पड़ता है। भदोही का औराई बाजार इस ग्रैंड ट्रंक रोड पर ही बसा हुआ है। और इसी औराई के बगल में है नरथुआ गांव। यह इलाका प्रशासनिक और अमले और मीडिया की सुर्खियों का केंद्र बना है। नवरात्रि त्योहार के मौके पर यहां दुर्गा पूजा का पंडाल लगा हुआ था। रविवार की रात पंडाल में चिंगारी से आग भड़क उठी और कुछ ही देर में तबाही का मंजर पसर गया। त्योहार की खुशियां मातम में बदल गईं। लापरवाही और चूक के ढेरों सवाल हैं। सवाल है कि आखिर पंडाल में वो चमकता हुआ डेकोरेशन क्या था, जिसने चिंगारी को ज्वाला बना दिया? सवाल यह भी है कि पंडाल में फायर सेफ्टी का कोई नियम है भी या नहीं?

दुर्गा पूजा पंडाल में जो बच्चे अपने पिता के कंधों पर बैठकर खिलौना लेकर वापस लौटने की ख्वाहिश पाले हुए गए थे, वे हाथ और चेहरे जलाकर अस्पताल में मरहम पट्टी करवा रहे हैं। वे मासूम सी आंखें लिए अपना कसूर पूछ रहे हैं। रात करीब साढ़े 8 बजे आरती हो रही थी। सभी लोग माता की आरती में झूम रहे थे। तभी अचानक जेनरेटर से निकली चिंगारी ने पूजा पंडाल के पर्दे को पकड़ लिया। लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिला। पूजा पंडाल के जलते हुए पर्दे लोगों के ऊपर गिरने लगे। लकड़ी की जलती हुईं बल्लियां टूटकर गिर रही थी।

अचानक हुए इस अग्निकांड से चीख-पुकार मच गई। लोग बस बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। पुलिस के मुताबिक जिस वक्त हादसा हुआ, पंडाल में काफी संख्या में श्रद्धालु आरती के लिए जुटे थे। इस दौरान डिजिटल शो भी चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आग लगने के बाद मची भगदड़ और चीख पुकार के बीच लोग खुद को बचाने के लिए पास के ही तालाब में कूद पड़े। अधिकारियों ने अफवाह के बाद गोताखोरों को लगाकर सर्च अभियान चलाने का निर्देश दिया। पुलिस की एफआईआर, SIT की जांच रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों की बातचीत में पंडाल की बनावट और सजावट को लेकर अहम वजहें सामने आई।

पल भर में आग से कैसे मच गया तांडव?
दरअसल, इस पंडाल को गुफा का स्वरूप देने के लिए फाइबर पॉलिथीन से सजावट की गई थी, जो कि ज्वलनशील होती है। रोशनी के लिए हैलोजन लाइट लगाई गई थी, जिससे गर्म होकर फाइबर पॉलिथीन ने आग पकड़ लिया। और एक छोटी सी चिंगारी पलभर में विनाशलीला कर गई। एसआईटी टीम ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है, जिसमें बताया गया है कि पंडाल के अंदर लाइट की वायरिंग नियमों की अनदेखी कर की गई थी। जिस मटेरियल से पंडाल का निर्माण किया गया था, वह मटेरियल भी आग पकड़ने वाला था। एसआईटी की जांच में पता लगा है, कि हैलोजन की तपिश से आग लगी थी।
पतले और टेढ़े रास्ते से कैसे निकलते?
पुलिस ने पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष बच्चा यादव सहित, समिति के अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। कागज और थर्माकोल से गुफानुमा पंडाल बनाया गया था। बताया गया कि पंडाल स्थल पर चलने वाले शो में प्रोजेक्टर के माध्यम से धार्मिक कार्यक्रम दिखाए जा रहे थे। गुफानुमा बने स्थल में आने-जाने का सिर्फ एक ही पतला और टेढ़ा-मेढ़ा सा रास्ता था, जिसमें आग लगने के बाद अंदर भगदड़ मच गई। भागने की जगह नहीं मिली। इससे कई महिलाएं और बच्चे गिर गए। आग तेजी से फैली और उसके चपेट में कई लोग आ गए। जो भागने की कोशिश कर रहे थे, उनके ऊपर आग में लिपटी प्लास्टिक टूटकर गिरने लगी।

इन सेफ्टी नियमों का नहीं हुआ पालन
इस दौरान पंडाल सेफ्टी को लेकर जो नियम हैं, उनका भी पालन नहीं किया गया। एफआईआर के अनुसार पंडाल में बगैर अनुमति के कटिया लगाकर विद्युत का उपयोग किया जा रहा था। साथ ही आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन यंत्र का इंतजाम भी नहीं था। यहां तक कि पानी और बालू का इंतजाम भी नहीं किया गया था। डीएम के आदेश का पालन भी नहीं किया गया, जिसके अनुसार जनपद में धारा 144 सीआरपीसी के आदेश लागू हैं। आपात परिस्थिति में पंडाल से बाहर निकलने का कोई वैकल्पिक तक इंतजाम नहीं था। चार-पांच जगहों पर पंडाल को खुला रखने के निर्देश का पालन भी नहीं किया गया। सबसे चिंताजनक बात रही कि ज्वलनशील सामग्री से पंडाल को डिजाइन दिया गया।
इसी दौरान आग लगने से भगदड़ मच गई। फायर बिग्रेड की गाड़ियां जब तक मौके पर पहुंचीं, तब तक पूरा पंडाल राख हो चुका था। आग इतनी भीषण थी कि ऊंची लपटें दूर तक देखी गई। झुलसने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। झुलसे सभी लोग औराई, महदेवा, घोसिया, उपरौठ, सेउर जेठपुर, उचेठा, भावीपुर, पियरोपुर गांव के रहने वाले हैं। स्थानीय लोगों ने झुलसे हुए लोगों को ट्रैक्टर और ऑटो से अस्पताल पहुंचाया। भदोही से लेकर प्रयागराज और वाराणसी के बीएचयू तक घायलों को भर्ती कराया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों ने हादसे के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जब वहां पर घटना हुई तो वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए भागे लगे, लेकिन लोग भाग नहीं पाए, क्योंकि वहां पर हर तरफ रस्सी से बंधा हुआ था। आग से जल रहा टेंट गल कर लोगों के ऊपर टपक रहा था। हर तरफ रस्सी बंधी हुई थी, जिस वजह से सभी लोग नहीं निकल पा रहे थे। कुछ लोगों ने करंट लगने की बात भी बताई।

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें