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पूर्व सीएम के बाद MPPSC स्टूडेंट के समर्थन में उतरे पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, बैठेंगे भूख हड़ताल पर

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इंदौर

नौकरी की मांग करने इंदौर से भोपाल गए स्टूडेंट को घसीटकर पीटने के मामले में एमपीपीएससी स्टूडेंट के पक्ष में पूर्व मंत्री उतर आए हैं। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने वीडियो जारी कर सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद भी स्टूडेंट के इंटरव्यू और नियुक्ति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया तो वे इंदौर स्थित एमपीपीएससी मुख्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इन छात्रों का समर्थन कर चुके हैं।

दरअसल, पिछले काफी वक्त से एमपीपीएससी कैंडिडेंट्स आंदोलित हैं। अपनी मांगों को लेकर वे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर उनकी मांगों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उनकी मांगों को लेकर अब जीतू पटवारी भी मैदान संभालते नजर आ रहे है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आगामी दो हफ्ते में कैंडिडेंट्स की मांगों को सरकार संज्ञान में नहीं लेती है तो वे एमपपीपीएससी ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

टि्वटर हैंडल पर पोस्ट की वीडियो
जीतू पटवारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसे लेकर एक वीडियो पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। अपनी इस वीडियो में जीतू पटवारी ने कहा कि मप्र देश का पहला राज्य हमारा है जिसमें व्यापम जैसा कांड हुआ। उन्होंने पीएससी एग्जाम में मैनिपुलेशन होने, पेपर सेट करने में भी सेंटिंग होने, इंटरव्यू में भाई भतीजावाद चलने, कॉपियां भी मैनिपुलेशन करने की बात कही। इसके बाद भी पीएससी के माध्यम से लाखों पद खाली पड़े हैं। इस भाव को लेकर छात्र लगातार आंदोलित हैं।

मैं नहीं मानता विश्व में ऐसा कहीं हो रहा होगा – पटवारी
जीतू पटवारी बोले दो दिन पहले भोपाल में छात्रों के साथ सरकार ने बर्बरता की, वो पूरे प्रदेश ने देखी। छात्रों के साथ जितना कुठाराघात म.प्र की सरकार कर रही है, मैं नहीं मानता की विश्व में ऐसा कहीं हो रहा होगा। म.प्र का एक जनप्रतिनिधि होने के नाते पार्टी और विचार से ऊपर उठकर, राजनीतिक गुट से ऊपर उठकर इन युवाओं के साथ न्याय हो। जिन मांगों को लेकर छात्र आंदोलित है उस भाव को सरकार नहीं समझा तो मैं पीएससी ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठूंगा। मैं छात्रों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसलिए समर्थक हूं क्योंकि वहीं तो हमारा भविष्य है।

कैंडिड्‌टेस फिर संभालेंगे मैदान
इंदौर में शुरु हुए भर्ती सत्याग्रह के बाद अलग-अलग एग्जाम की तैयारी करने वाले कैंडिडेंट्स ने भोपाल कूच किया था। मगर वहां उन्हें लाठियों का सामना करना पड़ा। अब ये कैंडिडेंट्स दोबारा नई रणनीति तैयार कर आंदोलन की तैयारी करने वाले है। बताया जा रहा है कि अपनी मांगों को लेकर आगामी दो से तीन दिनों में ये इंदौर में कलेक्टर ऑफिस और एमपीपीएससी ऑफिस जाकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके साथ वे अगले कुछ समय में पूरे जिले में सत्याग्रह की शुरुआत करने वाले है। इस सत्याग्रह के बाद ये जिले भर से भोपाल कूच करने की तैयारी करने वाले है।

ये हैं युवाओं की मांगें

  • ओबीसी आरक्षण मामले का जल्द निराकरण किया जाए।
  • राज्य सेवा परीक्षा 2019 के रोस्टर केस में रिवाइज्ड रिजल्ट घोषित कर प्रक्रिया पूरी करें।
  • PEB द्वारा बैकलॉग पदों समेत आगामी भर्ती परीक्षा कैलेंडर जारी किया जाए।
  • विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर स्थाई नियुक्ति हो।
  • मध्य प्रदेश की सरकारी नौकरियां प्रदेश के युवाओं को दी जाए।
  • शिक्षक भर्ती वर्ग 1 और वर्ग 2 में पदों की वृद्धि कर द्वितीय काउंसलिंग शुरू की जाए।
  • MPTET वर्ग 3 में पदों की संख्या 51,000 हो।
  • MP आरक्षक की 15% वेटिंग के साथ मेरिट लिस्ट जल्दी जारी हो।
  • सेवानिवृति आयु को 58 वर्ष किया जाए।
  • संविदा नियुक्ति पर रोक लगे, जिससे युवा को स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ सकें।
  • वेतन में 70, 80, 90% का प्रावधान खत्म करके, पूर्ण वेतन दिया जाए।
  • असिस्टेंट प्रोफेसर की रिक्तियां निकाली जाएं।
  • नॉर्मलाइज की प्रक्रिया खत्म की जाए।
  • सरकार की भर्ती प्रक्रिया में सुधार किया जाए।
  • हर साल न्यूनतम 10% पदों पर भर्ती की जाए।
  • संविदा और आउटसोर्स प्रारूप में भर्ती बंद की जाए।
  • सभी परीक्षाओं में आवेदन शुल्क अधिकतम 100 रुपए किया जाए।
  • प्रत्येक परीक्षा में परीक्षा के लिए आवेदन के लिए मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य किया जाए।
  • मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, एक्सटेंशन कार्यालय पर प्रोफेसरों, वैज्ञानिकों, रिसर्च की भर्ती पीएसी के माध्यम से कराई जाए।
  • परीक्षाओं में धांधली या घोटाला सामने आने पर जांच SIT या CBI को सौंपी जाए। 45 दिनों में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
  • रोजगार कानून को अंतिम रूप देने से पहले सलाहकार समिति गठित की जाए।

21 बड़े विभागों में खाली करीब 1 लाख पद

प्रदेश के 21 बड़े सरकारी विभागों में करीब एक लाख पद खाली पड़े हैं। प्रदेश के 21 बड़े सरकारी विभागों में 93,681 पद रिक्त होने की जानकारी सामने आई है। सबसे ज्यादा पद स्कूल शिक्षा और जनजाति विभाग में हैं। इन दोनों विभागों में 30 हजार पद रिक्त हैं। इसके अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और स्वास्थ्य विभाग समेत दूसरे विभागों को मिला लिया जाए तो करीब 1 लाख पदों पर सरकार भर्ती करने की तैयारी में है।

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रविवार को प्रदेशभर से बड़ी संख्या में बेरोजगार और छात्र भोपाल पहुंचे। 200 से ज्यादा बेरोजगार पैदल चलकर नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के बैनर तले इंदौर से भोपाल आए थे। इस दौरान पुलिस ने छात्रों के साथ यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष विक्रांत भूरिया को भी गिरफ्तार किया।

पुलिस ने भदभदा चौराहे और लालघाटी समेत शहर की अन्य सीमाओं पर बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद छात्र वहीं सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। युवाओं ने इसे ‘भर्ती सत्याग्रह’ का नाम दिया। प्रदर्शन के दौरान रविवार दोपहर लालघाटी इलाके में बड़ी संख्या में छात्र सड़क पर बैठ गए। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों को पुलिस टांगाटोली और घसीटकर ले गई।

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