तेलंगाना में पुलिस ने 3 लोगों को TRS के विधायकों को खरीदने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिनके पास से पुलिस ने 15 करोड़ रुपए नगद बरामद किया है। इसके बाद से तेलंगाना की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है।
तेलंगाना में विधायकों के खरीद-फरोक्त का मामला सामने आया है, जिसका खुलासा किसी राजनीतिक पार्टी ने नहीं बल्कि तेलंगाना पुलिस ने किया है। तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस ने दावा किया है कि उसने एक फार्महाउस से तीन लोगों को नगद 15 करोड़ रुपए के साथ गिरफ्तार किया है, जो तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने बताया है कि इनके पास से नगद के साथ चेक भी बरामद किया गया है।
पुलिस के मुताबिक TRS विधायकों के सूचना के आधार पर इस साजिश का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस कमिश्नर ने बताया है कि विधायकों के खरीद-फरोक्त के लिए 100 करोड़ या उससे अधिक रूपयों में डील हो सकती थी। हिरासत में लिए गए तीन लोगों की पहचान फरीदाबाद के स्वामीजी रामचंद्र भारती, तिरुपति के सिंह्याजी और हैदराबाद के एक होटल के मालिक नंदकुमार के रूप में हुई है।
TRS ने BJP पर खरीद-फरोक्त का लगाया आरोप
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की ओर से विधायकों की इस खरीद-फरोक्त का आरोप भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर लगाया गया है। TRS प्रवक्ता कृष्णक ने कहा कि KCR के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई है, जिसमें गुववाला बलाराजू, बीरम हर्षवर्धन, पायलट रोहित रेड्डी और रेगा कंथाराव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायक बिकने वाले नहीं हैं।
बीजेपी ने इसे नाटक बताया
विधायकों के इस खरीद-फरोक्त के मामले को लेकर BJP की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसें बीजेपी नेता रामचंद्र राव ने नाटक बताया है। रामचंद्र राव ने कहा है कि यह सत्ताधारी पार्टी के द्वारा रचित नाटक है, जिसे उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए बनाया गया है।
3 महीने पहले पश्चिम बंगाल से विधायकों को किया गया था गिरफ्तार
विधायकों के खरीद-फरोक्त के जुड़ा इसी तरह का मामला 3 महीने पहले पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से आया था, जहां कांग्रेस के तीन विधायकों को 48 लाख रूपए नगद के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसमें जामताड़ा के इरफान अंसारी , खिजरी के राजेश कच्छप और कोलेबिरा के नमन विक्सल कोंगाड़ी शामिल थे, जिनको लेकर FIR भी दर्ज कराया गया था।