अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

सुनक_यज्ञ…”भक्तगण खुश हैं कि सुनक सारस्वत ब्राह्मण है

Share

टीकेआर पिल्लई

बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने वर्ष 2004 में एक भावुक भाषण में कहा था “अगर सोनिया गांधी पीएम बनती हैं तो एक संसद सदस्य  के रूप में संसद में  मुझे उन्हें  माननीय प्रधानमंत्री जी कहकर संबोधित करना होगा, जो मुझे गंवारा नहीं है. मेरा राष्ट्रीय स्वाभिमान मुझे झकझोरता है. इसलिए मैं संसद सदस्यता से इस्तीफा दूँगी, सिर मुंडवा लेंगी, सफेद साड़ी पहनेंगी, भिक्षुणी की तरह जमीन पर सोएंगी और सूखे चने खाएंगी”. यह बात उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर सोनिया गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनाने की पहल करने का आरोप लगाते हुए कही। भले ही यह बयान सुषमा स्वराज ने दिया हो, लेकिन यह उनका निजी विचार नहीं हो सकता, बल्कि 2002 के बाद बीजेपी पार्टी द्वारा अपनाई गई नफरती की राजनीति का निरंतरता  है.

 सोनिया गांधी ने वर्ष 1968 में राजीव गांधी से शादी की थी, उनके साथ उन्होंने भारतीय नागरिकता भी हासिल कर ली थी, फिर भी संघ परिवार उन्हें दूसरे राज्य में पैदा होने का तर्क देकर भारत के प्रधान मंत्री बनने में बाधा उत्पन्न करके अपनी देशभक्ति की परिचय  दिखाई.

मुद्दा यह है की ब्रिटिश सिटीजन   ऋषि सुनक के ब्रिटिश प्रधान मंत्री बनने के साथ उनको भारतीय मूल के होने के बहाने भारत के संघी   जश्न मना  रहे है. इस पर चुटकी लेते हुए एक फेसबुक पोस्ट भी देखा गया जिसमे लिखा है “भक्तगण खुश हैं कि सुनक सारस्वत ब्राह्मण है। कुछ तो रिश्तेदारी भी निकाल चुके हैं।”. यहां संघियों के दोगलेपन सामने आता है। एक ओर सोनिया गांधी को विदेशी नागरिक बताकर प्रधानमंत्री बनने में बाधा डालना और दूसरी ओर एक ब्रिटिश नागरिक वहां का  प्रधानमंत्री बनने पर,  भारतीय मूल  के  होने का तर्क देकर, जश्न मनाना.

दरअसल, जानकारी के अनुसार ऋषि सुनक के संबंध अविभाजित भारत  गुजरांवाला से है, जो अब पाकिस्तान में है. आज़ादी के लड़ाई के चरम सीमा पर यानि 1940 के दशक में उनके दादा-दादी  गुजरांवाला से केन्या और फिर ब्रिटेन चले गए थे. लेकिन जैसे ही ऋषि सुनक ब्रिटिश प्रधान मंत्री बने, संघपुत्रों के अलावा, उनके रिश्तेदार कई देशों से निकल आये हैं।भारत के अलावा, पाकिस्तान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका सब दावा कर रहे हैं कि ऋषि सुनक किसी न किसी तरह उस देश से संबंधित हैं।

उधर, ब्रिटैन के जनसँख्या के जायजा लेने पर पता चलेगा वहां हिन्दुओं के संख्या केवल 1.73% है. भारत में अल्पसंख्यकों को गुलाम बनाने की कोशिश करने वाला संघ ब्रिटेन के लोगों की उदारता के बारे में नहीं सोच सकता है कि वह 1.73% हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति को ब्रिटेन का प्रधान मंत्री बना लिए।

 ऋषि सुनक पर संघ का सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि वे गौ भक्त हैं। गाय की पूजा करने पर भी वो गाय ऑक्सीजन पैदा करने का संघी सिद्धांत  पर ध्यान देने की संभावना नहीं है। इतना ही नहीं वह बीफ खाने वाला भी है।

कुल मिलाकर, जब ऋषि सुनक ब्रिटिश प्रधान मंत्री बनें, भारत सहित कई देश  उम्मीद पर हैं । लेकिन भारत का संघ मित्र, जिसने इतनी रिश्तेदारी अबतक निकाल चुके है, कम से कम कोहिनूर वापस लाए, तो यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें