पटना। गुजरात के मोरबी हादसे की न्यायिक जाँच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो.
आखिरकार मोदीजी ने मोरबी पहुँचने का वक़्त निकाला. कल वह हादसा हुआ था जिसमें एक सौ पैंतीस लोगों की जान चली गई. मोदी जी भी कल ही गुजरात पहुँच गए. लेकिन आज दोपहर बाद मोरबी पहुँचने का वक़्त उन्होंने निकाला. कल वे दो कर्यक्रम में शामिल हुए. दोनों कार्यक्रमों में उन्होंने मोरबी हादसे की उन्होंने चरचा की. दोनों में उनका गला एक ही जैसा रूँध गया.
दोनों जगहों पर उन्होंने बताया कि आख़िर में उन्होंने कर्तव्य पथ को प्राथमिकता दिया और इन कार्यक्रमों में शामिल हुए. प्रधानमंत्री जी घायलों से मुलाक़ात करने आज मोरबी अस्पताल पहुँचे. उनके वहाँ पहुँचने के पहले गुजरात प्रशासन ने युद्ध स्तर पर अस्पताल की रंगाई पुताई कराया. फर्स के टाइल्स तक बदले गये. अस्पताल तक पहुँचने के रास्ते तक की मरम्मत की गई. सबसे ह्रदयहीनता तो तब दिखी जब रास्ते में पड़ने वाले ग़रीबों की झुग्गियों को दिवाल बना कर ढँक दिया गया.
हादसे के ज़िम्मेदार के रूप में गिरफ़्तार नौ लोगों में कंपनी का मैनेजर, ठीकेदार, टिकट काटने वाले तथा गार्ड शामिल हैं.
इतने बड़े हादसे की , जिसके लिए गुजरात सरकार के प्रशासन को ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं माना जा सकता है, निष्पक्ष जाँच की अपेक्षा नहीं की जा सकती है. अतः हम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जाँच की माँग करते हैं.
शिवानन्द तिवारी,पूर्व सांसद् ,राजद