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राजस्थान के पत्रकारों के लिए हर वक्त दरवाजे खुले हैं-निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा

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एस पी मित्तल,अजमेर

7 नवंबर को मैं जयपुर प्रवास पर रहा, तभी मेरी मुलाकात राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा से हुई। मुझे यह अच्छा लगा कि कमरे के बाहर पर्ची का कोई सिस्टम नहीं था। यानी कोई भी पत्रकार अथवा जरुरतमंद व्यक्ति सीधे निदेशक से मिल सकता है।

आम तौर पर ऐसी व्यवस्था सरकारी दफ्तरों में नहीं होती है। मैंने देखा कि निदेशक शर्मा राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के काम में जुटे हुए थे। सरकार की उपलब्धियां इस तरह से प्रस्तुत की जाए ताकि जरूरतमंद  व्यक्ति लाभ उठा सके। शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गरीबों के प्रति बहुत की संवेदनशील है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिक से अधिक परिवार पंजीकृत हो ताकि प्राइवेट अस्पतालों में भी गरीब का इलाज हो सके। सरकार की ऐसी अनेक कल्याणकारी योजनाएं हैं, जिनका लाभ जरूरतमंद व्यक्तियों को मिलना ही चाहिए। हमारा विभाग समय समय पर विभिन्न योजनाओं के फोल्डर भी छपवाता है, बाद में ऐसे फोल्डरों को सार्वजनिक समारोह में वितरित किए जाते हैं। शर्मा ने बताया कि उनका निदेशालय प्रतिमाह सुजस पुस्तिका का प्रकाशन भी करवाता है। इसकी पांच लाख प्रतियां छपवाई जाती है। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में इस पुस्तिका को भेजा जाता है। इस पुस्तिका में भी सरकार की विभिन्न योजनाओं का विवरण होता है। उनके निदेशालय का काम पारदर्शिता के साथ हो रहा है। उन्हें जो भी सुझाव प्राप्त होते है उनका अध्ययन करवाने के बाद क्रियान्विति भी की जाती है।

500 पत्रकारों का अधिस्वीकरण:

निदेशक शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 500 पत्रकारों का अधिस्वीकरण हो चुका है। अधिस्वीकरण की प्रक्रिया निरंतर जारी है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ अधिस्वीकृत पत्रकारों को तो मिलता ही है, साथ ही गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों की मेडिकल डायरी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति आदि की सुविधाएं भी दी जा रही है। पत्रकारों की मांग को ध्यान में रखते हुए अधिस्वीकरण की प्रक्रिया को और सरल बनाया जा रहा है ताकि जिला स्तर पर कार्यरत पत्रकारों को भी लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले अधिस्वीकृत पत्रकारों को पत्रकार  सम्मान निधि के तौर पर 15 हजार रुपए मासिक दिए जा रहे हैं। पत्रकारों की समस्याओं के निदान के लिए निदेशालय हमेशा तत्पर रहता है। कोई भी पत्रकार उनके दफ्तर में आकर आसानी से मिल सकता है। पत्रकारों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बेहद संवेदनशील है। सीएम गहलोत भी चाहते हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पत्रकारों को मिले।

अनेक नवाचार:

आमतौर पर जनसंपर्क विभाग के निदेशक आईएएस को ही बनाया जाता है, लेकिन सरकार ने इस समय राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा को निदेशक बना रखा है। सरकार ने जिस उम्मीद के साथ शर्मा को नियुक्त किया है, उस पर वे खरा भी उतर रहे हैं। शर्मा ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में कई नवाचार भी किए हैं। इनमें ईबुलेटिन, वीडियो बुलेटिन और ऑडियो बुलेटिन भी शामिल है। यानी सरकार की महत्वपूर्ण खबरों को मोबाइल पर भी सुना जा सकता है। 

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