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निवेश के अवसर तलाशने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे

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भोपाल

भोपाल. यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका मध्यप्रदेश में ग्रीन एनर्जी, एजुकेशन, फार्मास्युटिकल्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में निवेश करेगा। यह निवेश मुख्यतया फंडिंग और आधुनिक तकनीक के रूप में होगा। मप्र ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में भी अमेरिका का सरकारी और प्राइवेट कंपनीज का प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा। इसमें निवेश की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। भारतीयों के अमेरिकी वीजा के स्लॉट्स भी जल्द बढेंग़े। यह बातें यूएस के कॉन्सुल जनरल (महा वाणिज्य दूत) माइक हेंकी ने मंगलवार को राजधानी में मीडिया से चर्चा में कहीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शांत माहौल के साथ कृषि, खनिज संसाधन, जंगल के साथ प्रशिक्षित मानव संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इस कारण मप्र निवेश के लिए उचित है। यहां ग्रीन एनर्जी की भी काफी संभावनाएं हैं। मिचेल ने कहा कि मंगलवार को सुबह ही उन्हें मप्र सरकार की ओर से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का इन्विटेशन मिला है। इसमें अमेरिका से सरकार और प्राइवेट सेक्टर का प्रतिनिधि मंडल शामिल होगा।

अमेरिकी वीजा का वेटिंग टाइम होगा कम
माइक ने बताया कि अमेरिका ने वर्कर्स के लिए एक लाख नए वीसा अपॉइंटमेंट खोले हैं। कोविड काल में वीसा में कुछ समस्याएं आई थीं लेकिन, अब इन्हें दूर किया जा रहा है। पिछले साल भारतीय छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई के लिए 82 हजार वीजा जारी किए गए। अभी अमेरिका में 2 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। साइंस-मैथ्स वाले छात्रों के वीजा एक्सटेंड भी किए जा रहे हैं। पहली बार फस्र्ट टाइम ट्रैवलर अपॉइंटमेंट भी शुरू किए गए हैं। एच1बी भी जारी किए जा रहे हैं। वीजा के वेटिंग टाइम को भी कम किया जा रहा है।
भारत में होगा 3 बिलियन डॉलर का निवेश
कॉन्सुल जनरल ने बताया कि भारत में कुछ क्षेत्रों में निवेश की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके लिए अमेरिका ने डेवलपमेंट फायनेंस कॉर्पोरेशन-डीएफसी बनाया है। यह कॉर्पोरेशन भारत में 3 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। इसके लिए 500 मिलियन डॉलर से नई फैक्ट्री बनेगी। इसमें सोलर पैनल बनेंगे। इसके साथ चिप्स भी बनाए जाएंगे। अमेरिका भारत के साथ सिक्योर सप्लाई चेन भी बना रहा है। एग्रोटेक में भी निवेश होगा। इसके तहत भारतीय किसानों को फंडिंग के साथ आधुनिक तकनीकी प्लेटफार्म भी मुहैया कराया जाएगा। जैसे ईंधन की कम खपत वाले ट्रैक्टर्स उपलब्ध कराए जा सकते हैं। अमेरिका विभिन्न क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध करा सकता है।
भोपाल की प्राकृतिक सुंदरता से हुए प्रभावित
अमेरिका के कॉन्सुल जनरल माइक हेंकी भोपाल की हरियाली, तालाब और प्राकृतिक सुंदरता से खासे प्रभावित हुए। उन्होंने इसकी तारीफ की। उन्होंने ट्राइबल म्यूजियम भी देखा जहां भारत की जनजातीय संस्कृति के बारे में जाना। वे एक निजी विवि के छात्रों से भी मिले।

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