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अजमेर प्रशासन से न कांग्रेसी खुश न भाजपाई

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एस पी मित्तल,अजमेर

अजमेर जिला प्रशासन से न तो सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता खुश है और न ही प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के सांसद विधायक। आमतौर पर विपक्षी दलों के नेता सरकार के प्रशासन से नाराज होते ही है, लेकिन फिर भी समझदार प्रशासनिक अधिकारी विपक्ष के सांसद और विधायकों से व्यक्तिगत संवाद रखते ही हैं। लेकिन अजमेर में भाजपा के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच यह सामान्य शिष्टाचार भी नजर नहीं आता है। कांग्रेस के नेता भी प्रशासन से खुश नहीं है। यह बात एक बार फिर 16 नवंबर को एलिवेटेड रोड की एक भुजा के लोकार्पण के समय देखने को मिली। लोकार्पण नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने किया, लेकिन समारोह में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन और अन्य प्रमुख पदाधिकारी व पार्षद मौजूद नहीं थे। जैन का कहना है कि एक इंजीनियर से सिर्फ सूचना भिजवाई गई। प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया। सरकार के समारोह में प्रशासन द्वारा आमंत्रित नहीं किए जाने का आरोप विजय जैन पहले भी लगा चुके हैं। लेकिन प्रशासन ने कांग्रेस के पदाधिकारियों की कोई परवाह नहीं की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मेयर कमल बाकोलिया समारोह में उपस्थित तो रहे, लेकिन एलिवेटेड रोड की सेफ्टी ऑडिट नहीं होने पर बाकोलिया ने नाराजगी जताई। बाकोलिया ने कहा कि कचहरी रोड वाली भुजा पर दोनों तरफ यातायात शुरू करने से पहले प्रशासन ने सेफ्टी ऑडिट करवानी चाहिए थी। लोकार्पण करवा कर प्रशासन मंत्री धारीवाल को भी गुमराह कर रहा है।

एकता पर पानी:

एलिवेटेड रोड के लोकार्पण समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय भाजपा के सांसद, विधायक और पार्टी अध्यक्ष और मेयर ने सर्वसम्मति से लिया था। 16 नवंबर को सायं चार बजे होने वाले समारोह के बहिष्कार की जानकारी सुबह भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने मीडिया कर्मियों को दे दी। लेकिन शाम को सरकारी समारोह में जिला कलेक्टर अंशदीप के साथ मेयर श्रीमती ब्रज लता हाड़ा उपस्थित रही। मेयर हाड़ा की उपस्थिति पर विधायक देवनानी ने आश्चर्य व्यक्त किया है। देवनानी ने कहा कि मेयर भाजपा की है और सरकारी समारोह में नहीं जाने का निर्णय सामूहिक तौर पर लिया गया था, इसलिए भाजपा के शहर अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा भी समारोह में नहीं गए। देवनानी ने कहा कि सामूहिक निर्णय की पार्टी के सभी जिम्मेदार व्यक्तियों को पालना करनीचाहिए। जिस समारोह में सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, डॉ. प्रियशील हाड़ा ने भाग न लिया हो, उस समारोह में भाजपा की मेयर के भाग लेने से संगठन की एकता पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

दुकानें सीज:

अजमेर के अजय नगर स्थित कांचे के मंदिर के निकट मंदिर परिसर में बनी अवैध दुकानों को लेकर 15 नवंबर को एक ब्लॉग लिखा गया था। इन अवैध दुकानों पर कांग्रेस के पार्षदों सहित डिप्टी मेयर नीरज जैन ने भी आपत्ति जताई थी। आखिरकार 17 नवंबर को नगर निगम ने सभी 12 दुकानों को अवैध मानते हुए सीज कर दिया है। निगम की यह बड़ी कार्यवाही है। इससे शहर भर के अवैध निर्माणकर्ताओं में दहशत है। अब देखना होगा कि दुकानों का निर्माण करने वाले लोग क्या स्वायत्त शासन विभाग से दुकानों को सीज मुक्त करवाने में सफल हो पाते हैं। ऐसे कई मामले में सामने आए है, जिनमें विभाग ने सीज अवैध निर्माणों को खोलने के आदेश दिए है। सरकार ने सीज मुक्ति के अधिकार स्वायत्त शासन विभाग को दे रखे हैं। 

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