सतना. जिला पंचायत की बैठकों में लगातार पैदा हो रहे गतिरोध व निर्देशों की अनदेखी से आहत होकर न सिर्फ सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया, बल्कि अध्यक्ष ने इस्तीफे की चेतावनी दे डाली। शुक्रवार को नवगठित जिला परिषद का दूसरा सामान्य सम्मिलन था। बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए अध्यक्ष ने कहा, कहा कि मैं आदिवासी समाज से हूं, इसलिए मेरी बात कोई नहीं सुनता। मुझे सदन व सदन के बाहर अपमानित होना पड़ता है।
हैरानी की बात यह कि जिला पंचायत से लेकर लेकर प्रदेश व देश में भाजपा की सरकारें हैं। जिपं अध्यक्ष भी भाजपा समर्थित माने जाते हैं। सांसद-मंत्री के करीबी भी हैं। इसके बावजूद उनकी सुनवाई नहीं होती। अध्यक्ष ही नहीं ज्यादातर सदस्यों ने भी अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाया है। हालांकि, जिला पंचायत सीईओ डॉ. परीक्षित झाड़े ने सभी आरोपों को निराधार बताया। कहा, कुछ सदस्य नियम विरुद्ध काम कराना चाहते हैं। मना करने पर दबाव बनाते हैं।
सदन संचालन में अनावश्यक हस्ताक्षेप करते हैं। जानबूझकर ऐसे मुद्दे प्रस्ताव लाए जाते हैं, जिसे नियमानुसार पूरा कर पाना संभव नहीं होता। किसी पंचायत में भ्रष्टाचार हो रहा है तो सदस्य इसकी जानकारी हमें दें। हम जांच कर दंडात्मक कार्रवाई करेंगे। सदस्य हर निर्माण कार्य की जांच के लिए अशासकीय जांच समिति गठित करने का प्रस्ताव देते हंै। जिला पंचायत में ऐसा कोई नियम नहीं हैं, इसलिए यह प्रस्ताव नहीं माना गया।
मनमानी से आहत
जिला पंचायत सदस्यों ने शुक्रवार को आयोजित जिला पंचायत के दूसरे सामान्य सम्मिलन का बहिष्कार कर दिया। सदस्यों ने एक स्वर में जिला पंचायत के कार्यपालन अधिकारी डॉ. परीक्षित पर तानाशाही एवं बार-बार सदस्यों को अपमानित करने के गंभीर आरोप लगाए। बैठक का बहिष्कार करने के बाद जिपं सदस्यों ने प्रेस कांफ्रेस करते हुए सीईओ पर जमकर हमला बोला ,सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि जिला पंचायत भ्रष्टाचार का कल्पवृक्ष बन चुका है। जिपं कर्मचारी इसकी जड़, सीइओ तना, जनपद सीइओ डाली और पंचायत कर्मचारी इसके फूल और फल हैं। जिला पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण ग्राम विकास की योजनाओं को पलीता लग रहा है। इसकी शिकायत करने पर अधिकारी जांच का झुनझुना पकड़ा देते हैं। ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमिताओं की सैकड़ों शिकायतें जिला पंचायत में जांच के नाम पर दख ली गई है आज तक एक भी दोषी पर कार्रवाई नहीं की गई। सम्मिलन में किए गए अपमान से बिफरे सदस्यों ने कहा की जिला पंचायत का सदन सीइओ की मर्जी से नहीं चलेगा। यदि उन्हें यहां दिक्कत हो रही है तो वह अपना स्थानांतरण करा दूसरा जिला देखे। जिपं सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष रामखेलावन कोल सहित सभी सभापति एवं सदस्य उपिस्थत रहे।