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आदिवासी नेता छोटू वसावा ने RSS और बीजेपी पर साधा निशाना

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भरूच जिले की झगड़िया विधानसभा से पिछले कई दशकों से कब्जा जमाए छोटू भाई वसावा ने दावा किया है कि वे 2017 के मुकाबले इस बार और ज्यादा बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगे। एक्सक्लूसिव बातचीत में छोटू वसावा ने आरएसएस और बीजेपी (BJP) पर बड़ा हमला बोला। वसावा ने कहा कि बीजेपी आदिवासी विरोधी है। जल, जंगल और जमीन छीनना चाहती है। वसावा ने कहा कि सारे विकास कार्य आदिवासियों की जमीन पर होंगे तो आदिवासी कहां रहेंगे? वसावा ने बीजेपी को झूठ, फूट और लूट की पार्टी करार दिया। वसावा ने कहा कि हम इनके खिलाफ लड़ेंगे। देश भर में लोगों को एकजुट करेंगे। वसावा ने कहा विधानसभा चुनावों के मैं निकलूंगा और कोशिश करूंगा कि बीजेपी के खिलाफ तमाम दल एकजुट हों और 2024 में बीजेपी को हटाएं।

गुजरात में होगा परिवर्तन
झगड़िया सीट से निर्दलीय लड़ रहे छोटू भाई वसावा (Chhotubhai Vasava) ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गुजरात में लोग नाराज हैं, इस बार परिवर्तन होगा। वसावा ने बीजेपी के 27 साल के शासन को खारिज कर दिया और कहा कि यह कैसा विकास है, यह गरीब और आदिवासी विरोधी विकास है। छोटू वसावा 1990 से लगातार झगड़िया की सीट से जीतते आ रहे हैं। वे पहले जनता दल में थे, बाद में वे जनता दल यूनाइटेड में रहे और 2017 में उन्होंने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) बना ली थी।

इस बार हमने भी घुमाया
झगड़िया सीट से चुनाव लड़ने को लेकर पिता-पुत्र के बीच पैदा हुई अजीबोगरीब स्थिति के पर छोटू वसावा ने कहा सब ठीक है। बीजेपी का नाम लिए बगैर कहा कि वे चालबाजी करते हैं तो हमने भी की। छोटू वसावा ने केंद्र और राज्य सरकार की जो नीतियां हैं, वे आदिवासियों तक नहीं पहुंच पा रही है। वसावा ने आदिवासियों के बजट भी खा जाते हैं। वसावा ने कहा कि गुजरात में आदिवासियों और गरीब तबके के लोगों पर अत्याचार होता है।

बीटीपी ने जीती थी दो सीटें
गुजरात में विधानसभा कुल सीटों की संख्या 182 है। इसमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 13 सीटें अनुसूचित जाति के रिजर्व हैं। विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 92 सीटों का है। 2017 के चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी मुश्किल से सरकार बचा पाने में सफल रही थी। दो दशक में पहली बार पार्टी की सीटों की संख्या दो अंकों में सिमट गई थी और बीजेपी सिर्फ 99 सीटें जीत सकती थी। कांग्रेस को 2017 के चुनाव 77 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस से गठबंधन करके लड़ी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को 2 सीटें मिली और 1 सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विजयी हुई थी। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते थे। इनमें वडगाम से दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की कांग्रेस के समर्थन से जीत हुई थी।

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