साेनकच्छ
साल 2017 में मंदसौर गोलीकांड के बाद भोपाल-इंदौर हाईवे पर सोनकच्छ के पास भड़की हिंसा मामले में मंगलवार को फैसला आ गया। सोनकच्छ अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एके गोयल ने 6 प्रकरणों में फैसला सुनाया।
इसमें आरोपी महेंद्र पिता कोकसिंह सेंधव निवासी ग्राम तालोद, हरेन्द्र उर्फ गोलू पिता सौदानसिंह राजपूत निवासी ओढ़, महेश पिता देवकरण धाकड़ निवासी भागसरा, महेश पाटीदार निवासी ग्राम चुरलाई व विक्की गुर्जर निवासी ग्राम पांदा को 2 प्रकरणों में बरी कर दिया गया। जबकि अन्य 4 प्रकरणों में सभी को 4-4 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
इस मामले में कोर्ट ने आरोपी कांग्रेस नेता व वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह सेंधव पर 4 प्रकरणों में 3.26 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं हरेंद्र व महेश दोनों पर 4 प्रकरणों में 1.76 लाख-1.76 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। महेश व विपिन पर 58-58 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। महेंद्र सिंह सेंधव को तीन प्रकरणों में 4-4 वर्ष की व 1 प्रकरण में 2 वर्ष की सजा सुनाई गई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

पूर्व मंत्री व क्षेत्रीय विधायक सज्जन सिंह वर्मा के साथ आरोपी जिला पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह सेंधव (दाएं)।
जेल भेजने का आदेश मिलने पर बीमार पड़े सेंधव
न्यायालय के फैसले के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया। इधर जेल का वारंट बनने के बाद जिला पंचायत सदस्य की तबीयत खराब हो गई। सभी आरोपियों का जेल वारंट बनने के बाद उन्हें सिविल अस्पताल मेडिकल के लिए लाया गया। जहां सेंधव का ब्लड प्रेशर 200 के पार था। जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें देवास रेफर कर दिया। पुलिस ने न्यायालय से चर्चा करने के बाद सभी आरोपियों को सोनकच्छ उपजेल भेज दिया। अस्पताल में सेंधव से मिलने के लिए कांग्रेस के कई नेता पहुंचे। शासन की ओर से पैरवी शासकीय अधिवक्ता गजराज सिंह कुशवाह ने की। इसमें कोर्ट मुंशी जसवंत सिंह का विशेष सहयोग रहा।

7 जून 2017 को इंदौर-भोपाल हाईवे पर स्थित नेवरी फाटे पर कांग्रेस नेताओं और किसानों ने चक्काजाम कर उग्र प्रदर्शन किया था। इस दौरान 25 से अधिक वाहनों में आग लगा दी गई थी।
इंदौर-भोपाल हाईवे के नेवरी फाटे पर जलाए थे वाहन
मंदसौर जिले की पिपलिया मंडी में पांच किसानों की मौत के विरोध में 7 जून 2017 को प्रदेश बंद किया गया था। इसमें सोनकच्छ के थाना क्षेत्र भौंरासा के अंतर्गत इंदौर-भोपाल हाईवे पर स्थित नेवरी फाटे पर कांग्रेस नेताओं और किसानों ने चक्काजाम कर उग्र प्रदर्शन किया था। इसमें चार्टर्ड बसों और दमकल वाहनों समेत 25 से अधिक वाहनों में आग लगा दी गई थी। साथ ही 60 से अधिक वाहनों में तोड़फोड़ की गई दी थी।

न्यायालय से आदेश मिलने के बाद सभी दोषियों को अस्पताल में मेडिकल के लिए लाया गया।
न्यायालय का फैसला हमें मंजूर
इस घटना में पुलिस ने 12 प्रकरण दर्ज किए थे। जिला पंचायत सदस्य सेंधव ने बताया कि, न्यायालय का फैसला हमें मंजूर है। हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार निर्दोष किसानों को फंसा रही है।
जान बचाकर भागे थे यात्री
घटना के दौरान बसों मे सवार यात्रियों में हाहाकर मच गया था। अनेक यात्री, महिलाएं व बच्चे अपनी जान बचाने इधर-उधर भागते दिखाई दिए थे। घटना के दौरान फोरलेन पर घंटों जाम लगा था। घटना के कुछ दिन बाद पुलिस ने जांच कर कई लोगों के विरुद्ध आगजनी, लूटपाट, बलवा, शासकीय कार्य में बाधा आदि धाराओं में नामजद केस दर्ज किए थे।

आगजनी के दौरान बस में सवार यात्रियों में भगदड़ मच गई थी। वे बसों से उतरकर इधर उधर भागते हुए नजर आए थे।